1 |
ता सीन मीम |
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طسم |
2 |
ये वाज़ेए व रौशन किताब की आयतें है |
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تِلْكَ آيَاتُ الْكِتَابِ الْمُبِينِ |
3 |
(ऐ रसूल) शायद तुम (इस फिक्र में) अपनी जान हलाक कर डालोगे कि ये (कुफ्फार) मोमिन क्यो नहीं हो जाते |
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لَعَلَّكَ بَاخِعٌ نَّفْسَكَ أَلَّا يَكُونُوا مُؤْمِنِينَ |
4 |
अगर हम चाहें तो उन लोगों पर आसमान से कोई ऐसा मौजिज़ा नाज़िल करें कि उन लोगों की गर्दनें उसके सामने झुक जाएँ |
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إِن نَّشَأْ نُنَزِّلْ عَلَيْهِم مِّن السَّمَاء آيَةً فَظَلَّتْ أَعْنَاقُهُمْ لَهَا خَاضِعِينَ |
5 |
और (लोगों का क़ायदा है कि) जब उनके पास कोई कोई नसीहत की बात ख़ुदा की तरफ से आयी तो ये लोग उससे मुँह फेरे बगैर नहीं रहे |
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وَمَا يَأْتِيهِم مِّن ذِكْرٍ مِّنَ الرَّحْمَنِ مُحْدَثٍ إِلَّا كَانُوا عَنْهُ مُعْرِضِينَ |
6 |
उन लोगों ने झुठलाया ज़रुर तो अनक़रीब ही (उन्हें) इस (अज़ाब) की हक़ीकत मालूम हो जाएगी जिसकी ये लोग हँसी उड़ाया करते थे |
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فَقَدْ كَذَّبُوا فَسَيَأْتِيهِمْ أَنبَاء مَا كَانُوا بِهِ يَسْتَهْزِئُون |
7 |
क्या इन लोगों ने ज़मीन की तरफ भी (ग़ौर से) नहीं देखा कि हमने हर रंग की उम्दा उम्दा चीजें उसमें किस कसरत से उगायी हैं |
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أَوَلَمْ يَرَوْا إِلَى الْأَرْضِ كَمْ أَنبَتْنَا فِيهَا مِن كُلِّ زَوْجٍ كَرِيمٍ |
8 |
यक़ीनन इसमें (भी क़ुदरत) ख़ुदा की एक बड़ी निशानी है मगर उनमें से अक्सर ईमान लाने वाले ही नहीं |
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إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُم مُّؤْمِنِينَ |
9 |
और इसमें शक नहीं कि तेरा परवरदिगार यक़ीनन (हर चीज़ पर) ग़ालिब (और) मेहरबान है |
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وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ |
10 |
(ऐ रसूल वह वक्त याद करो) जब तुम्हारे परवरदिगार ने मूसा को आवाज़ दी कि (इन) ज़ालिमों फिरऔन की क़ौम के पास जाओ (हिदायत करो) |
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وَإِذْ نَادَى رَبُّكَ مُوسَى أَنِ ائْتِ الْقَوْمَ الظَّالِمِينَ |
11 |
क्या ये लोग (मेरे ग़ज़ब से) डरते नहीं है |
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قَوْمَ فِرْعَوْنَ أَلَا يَتَّقُونَ |
12 |
मूसा ने अर्ज़ कि परवरदिगार मैं डरता हूँ कि (मुबादा) वह लोग मुझे झुठला दे |
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قَالَ رَبِّ إِنِّي أَخَافُ أَن يُكَذِّبُونِ |
13 |
और (उनके झुठलाने से) मेरा दम रुक जाए और मेरी ज़बान (अच्छी तरह) न चले तो हारुन के पास पैग़ाम भेज दे (कि मेरा साथ दे) |
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وَيَضِيقُ صَدْرِي وَلَا يَنطَلِقُ لِسَانِي فَأَرْسِلْ إِلَى هَارُونَ |
14 |
(और इसके अलावा) उनका मेरे सर एक जुर्म भी है (कि मैने एक शख्स को मार डाला था) |
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وَلَهُمْ عَلَيَّ ذَنبٌ فَأَخَافُ أَن يَقْتُلُونِ |
15 |
तो मैं डरता हूँ कि (शायद) मुझे ये लाग मार डालें ख़ुदा ने कहा हरगिज़ नहीं अच्छा तुम दोनों हमारी निशानियाँ लेकर जाओ हम तुम्हारे साथ हैं |
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قَالَ كَلَّا فَاذْهَبَا بِآيَاتِنَا إِنَّا مَعَكُم مُّسْتَمِعُونَ |
16 |
और (सारी गुफ्तगू) अच्छी तरह सुनते हैं ग़रज़ तुम दोनों फिरऔन के पास जाओ और कह दो कि हम सारे जहाँन के परवरदिगार के रसूल हैं (और पैग़ाम लाएँ हैं) |
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فَأْتِيَا فِرْعَوْنَ فَقُولَا إِنَّا رَسُولُ رَبِّ الْعَالَمِينَ |
17 |
कि आप बनी इसराइल को हमारे साथ भेज दीजिए |
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أَنْ أَرْسِلْ مَعَنَا بَنِي إِسْرَائِيلَ |
18 |
(चुनान्चे मूसा गए और कहा) फिरऔन बोला (मूसा) क्या हमने तुम्हें यहाँ रख कर बचपने में तुम्हारी परवरिश नहीं की और तुम अपनी उम्र से बरसों हम मे रह सह चुके हो |
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قَالَ أَلَمْ نُرَبِّكَ فِينَا وَلِيدًا وَلَبِثْتَ فِينَا مِنْ عُمُرِكَ سِنِينَ |
19 |
और तुम अपना वह काम (ख़ून क़िब्ती) जो कर गए और तुम (बड़े) नाशुक्रे हो |
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وَفَعَلْتَ فَعْلَتَكَ الَّتِي فَعَلْتَ وَأَنتَ مِنَ الْكَافِرِينَ |
20 |
मूसा ने कहा (हाँ) मैने उस वक्त उस काम को किया जब मै हालते ग़फलत में था |
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قَالَ فَعَلْتُهَا إِذًا وَأَنَا مِنَ الضَّالِّينَ |
21 |
फिर जब मै आप लोगों से डरा तो भाग खड़ा हुआ फिर (कुछ अरसे के बाद) मेरे परवरदिगार ने मुझे नुबूवत अता फरमायी और मुझे भी एक पैग़म्बर बनाया |
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فَفَرَرْتُ مِنكُمْ لَمَّا خِفْتُكُمْ فَوَهَبَ لِي رَبِّي حُكْمًا وَجَعَلَنِي مِنَ الْمُرْسَلِينَ |
22 |
और ये भी कोई एहसान हे जिसे आप मुझ पर जता रहे है कि आप ने बनी इसराईल को ग़ुलाम बना रखा है |
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وَتِلْكَ نِعْمَةٌ تَمُنُّهَا عَلَيَّ أَنْ عَبَّدتَّ بَنِي إِسْرَائِيلَ |
23 |
फिरऔन ने पूछा (अच्छा ये तो बताओ) रब्बुल आलमीन क्या चीज़ है |
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قَالَ فِرْعَوْنُ وَمَا رَبُّ الْعَالَمِينَ |
24 |
मूसा ने कहाँ सारे आसमान व ज़मीन का और जो कुछ इन दोनों के दरमियान है (सबका) मालिक अगर आप लोग यक़ीन कीजिए (तो काफी है) |
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قَالَ رَبُّ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَمَا بَيْنَهُمَا إن كُنتُم مُّوقِنِينَ |
25 |
फिरऔन ने उन लोगो से जो उसके इर्द गिर्द (बैठे) थे कहा क्या तुम लोग नहीं सुनते हो |
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قَالَ لِمَنْ حَوْلَهُ أَلَا تَسْتَمِعُونَ |
26 |
मूसा ने कहा (वही ख़ुदा जो कि) तुम्हारा परवरदिगार और तुम्हारे बाप दादाओं का परवरदिगार है |
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قَالَ رَبُّكُمْ وَرَبُّ آبَائِكُمُ الْأَوَّلِينَ |
27 |
फिरऔन ने कहा (लोगों) ये रसूल जो तुम्हारे पास भेजा गया है हो न हो दीवाना है |
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قَالَ إِنَّ رَسُولَكُمُ الَّذِي أُرْسِلَ إِلَيْكُمْ لَمَجْنُونٌ |
28 |
मूसा ने कहा (वह ख़ुदा जो) पूरब पश्चिम और जो कुछ इन दोनों के दरमियान (सबका) मालिक है अगर तुम समझते हो (तो यही काफी है) |
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قَالَ رَبُّ الْمَشْرِقِ وَالْمَغْرِبِ وَمَا بَيْنَهُمَا إِن كُنتُمْ تَعْقِلُونَ |
29 |
फिरऔन ने कहा अगर तुम मेरे सिवा किसी और को (अपना) ख़ुदा बनाया है तो मै ज़रुर तुम्हे कैदी बनाऊँगा |
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قَالَ لَئِنِ اتَّخَذْتَ إِلَهًا غَيْرِي لَأَجْعَلَنَّكَ مِنَ الْمَسْجُونِينَ |
30 |
मूसा ने कहा अगरचे मैं आपको एक वाजेए व रौशन मौजिज़ा भी दिखाऊ (तो भी) |
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قَالَ أَوَلَوْ جِئْتُكَ بِشَيْءٍ مُّبِينٍ |
31 |
फिरऔन ने कहा (अच्छा) तो तुम अगर (अपने दावे में) सच्चे हो तो ला दिखाओ |
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قَالَ فَأْتِ بِهِ إِن كُنتَ مِنَ الصَّادِقِينَ |
32 |
बस (ये सुनते ही) मूसा ने अपनी छड़ी (ज़मीन पर) डाल दी फिर तो यकायक वह एक सरीही अज़दहा बन गया |
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فَأَلْقَى عَصَاهُ فَإِذَا هِيَ ثُعْبَانٌ مُّبِينٌ |
33 |
और (जेब से) अपना हाथ बाहर निकाला तो यकायक देखने वालों के वास्ते बहुत सफेद चमकदार था |
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وَنَزَعَ يَدَهُ فَإِذَا هِيَ بَيْضَاء لِلنَّاظِرِينَ |
34 |
(इस पर) फिरऔन अपने दरबारियों से जो उसके गिर्द (बैठे) थे कहने लगा |
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قَالَ لِلْمَلَإِ حَوْلَهُ إِنَّ هَذَا لَسَاحِرٌ عَلِيمٌ |
35 |
कि ये तो यक़ीनी बड़ा खिलाड़ी जादूगर है ये तो चाहता है कि अपने जादू के ज़ोर से तुम्हें तुम्हारे मुल्क से बाहर निकाल दे तो तुम लोग क्या हुक्म लगाते हो |
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يُرِيدُ أَن يُخْرِجَكُم مِّنْ أَرْضِكُم بِسِحْرِهِ فَمَاذَا تَأْمُرُونَ |
36 |
दरबारियों ने कहा अभी इसको और इसके भाई को (चन्द) मोहलत दीजिए |
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قَالُوا أَرْجِهِ وَأَخَاهُ وَابْعَثْ فِي الْمَدَائِنِ حَاشِرِينَ |
37 |
और तमाम शहरों में जादूगरों के जमा करने को हरकारे रवाना कीजिए कि वह लोग तमाम बड़े बड़े खिलाड़ी जादूगरों की आपके सामने ला हाज़िर करें |
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يَأْتُوكَ بِكُلِّ سَحَّارٍ عَلِيمٍ |
38 |
ग़रज़ वक्ते मुकर्रर हुआ सब जादूगर उस मुक़र्रर के वायदे पर जमा किए गए |
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فَجُمِعَ السَّحَرَةُ لِمِيقَاتِ يَوْمٍ مَّعْلُومٍ |
39 |
और लोगों में मुनादी करा दी गयी कि तुम लोग अब भी जमा होगे |
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وَقِيلَ لِلنَّاسِ هَلْ أَنتُم مُّجْتَمِعُونَ |
40 |
या नहीं ताकि अगर जादूगर ग़ालिब और वर है तो हम लोग उनकी पैरवी करें |
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لَعَلَّنَا نَتَّبِعُ السَّحَرَةَ إِن كَانُوا هُمُ الْغَالِبِينَ |
41 |
अलग़रज जब सब जादूगर आ गये तो जादूगरों ने फिरऔन से कहा कि अगर हम ग़ालिब आ गए तो हमको यक़ीनन कुछ इनाम (सरकार से) मिलेगा |
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فَلَمَّا جَاء السَّحَرَةُ قَالُوا لِفِرْعَوْنَ أَئِنَّ لَنَا لَأَجْرًا إِن كُنَّا نَحْنُ الْغَالِبِينَ |
42 |
फिरऔन ने कहा हा (ज़रुर मिलेगा) और (इनाम क्या चीज़ है) तुम उस वक्त (मेरे) मुकररेबीन (बारगाह) से हो गए |
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قَالَ نَعَمْ وَإِنَّكُمْ إِذًا لَّمِنَ الْمُقَرَّبِينَ |
43 |
मूसा ने जादूगरों से कहा (मंत्र व तंत्र) जो कुछ तुम्हें फेंकना हो फेंको |
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قَالَ لَهُم مُّوسَى أَلْقُوا مَا أَنتُم مُّلْقُونَ |
44 |
इस पर जादूगरों ने अपनी रस्सियाँ और अपनी छड़ियाँ (मैदान में) डाल दी और कहने लगे फिरऔन के जलाल की क़सम हम ही ज़रुर ग़ालिब रहेंगे |
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فَأَلْقَوْا حِبَالَهُمْ وَعِصِيَّهُمْ وَقَالُوا بِعِزَّةِ فِرْعَوْنَ إِنَّا لَنَحْنُ الْغَالِبُونَ |
45 |
तब मूसा ने अपनी छड़ी डाली तो जादूगरों ने जो कुछ (शोबदे) बनाए थे उसको वह निगलने लगी |
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فَأَلْقَى مُوسَى عَصَاهُ فَإِذَا هِيَ تَلْقَفُ مَا يَأْفِكُونَ |
46 |
ये देखते ही जादूगर लोग सजदे में (मूसा के सामने) गिर पडे |
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فَأُلْقِيَ السَّحَرَةُ سَاجِدِينَ |
47 |
और कहने लगे हम सारे जहाँ के परवरदिगार पर ईमान लाए |
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قَالُوا آمَنَّا بِرَبِّ الْعَالَمِينَ |
48 |
जो मूसा और हारुन का परवरदिगार है |
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رَبِّ مُوسَى وَهَارُونَ |
49 |
फिरऔन ने कहा (हाए) क़ब्ल इसके कि मै तुम्हें इजाज़त दूँ तुम इस पर ईमान ले आए बेशक ये तुम्हारा बड़ा (गुरु है जिसने तुम सबको जादू सिखाया है तो ख़ैर) अभी तुम लोगों को (इसका नतीजा) मालूम हो जाएगा कि हम यक़ीनन तुम्हारे एक तरफ के हाथ और दूसरी तरफ के पाँव काट डालेगें और तुम सब के सब को सूली देगें |
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قَالَ آمَنتُمْ لَهُ قَبْلَ أَنْ آذَنَ لَكُمْ إِنَّهُ لَكَبِيرُكُمُ الَّذِي عَلَّمَكُمُ السِّحْرَ فَلَسَوْفَ تَعْلَمُونَ لَأُقَطِّعَنَّ أَيْدِيَكُمْ وَأَرْجُلَكُم مِّنْ خِلَافٍ وَلَأُصَلِّبَنَّكُمْ أَجْمَعِينَ |
50 |
वह बोले कुछ परवाह नही हमको तो बहरहाल अपने परवरदिगार की तरफ लौट कर जाना है |
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قَالُوا لَا ضَيْرَ إِنَّا إِلَى رَبِّنَا مُنقَلِبُونَ |
51 |
हम चँकि सबसे पहले ईमान लाए है इसलिए ये उम्मीद रखते हैं कि हमारा परवरदिगार हमारी ख़ताएँ माफ कर देगा |
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إِنَّا نَطْمَعُ أَن يَغْفِرَ لَنَا رَبُّنَا خَطَايَانَا أَن كُنَّا أَوَّلَ الْمُؤْمِنِينَ |
52 |
और हमने मूसा के पास वही भेजी कि तुम मेरे बन्दों को लेकर रातों रात निकल जाओ क्योंकि तुम्हारा पीछा किया जाएगा |
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وَأَوْحَيْنَا إِلَى مُوسَى أَنْ أَسْرِ بِعِبَادِي إِنَّكُم مُّتَّبَعُونَ |
53 |
तब फिरऔन ने (लश्कर जमा करने के ख्याल से) तमाम शहरों में (धड़ा धड़) हरकारे रवाना किए |
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فَأَرْسَلَ فِرْعَوْنُ فِي الْمَدَائِنِ حَاشِرِينَ |
54 |
(और कहा) कि ये लोग मूसा के साथ बनी इसराइल थोड़ी सी (मुट्ठी भर की) जमाअत हैं |
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إِنَّ هَؤُلَاء لَشِرْذِمَةٌ قَلِيلُونَ |
55 |
और उन लोगों ने हमें सख्त गुस्सा दिलाया है |
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وَإِنَّهُمْ لَنَا لَغَائِظُونَ |
56 |
और हम सबके सब बा साज़ों सामान हैं |
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وَإِنَّا لَجَمِيعٌ حَاذِرُونَ |
57 |
(तुम भी आ जाओ कि सब मिलकर ताअककुब (पीछा) करें) |
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فَأَخْرَجْنَاهُم مِّن جَنَّاتٍ وَعُيُونٍ |
58 |
ग़रज़ हमने इन लोगों को (मिस्र के) बाग़ों और चश्मों और खज़ानों और इज्ज़त की जगह से (यूँ) निकाल बाहर किया |
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وَكُنُوزٍ وَمَقَامٍ كَرِيمٍ |
59 |
(और जो नाफरमानी करे) इसी तरह सज़ा होगी और आख़िर हमने उन्हीं चीज़ों का मालिक बनी इसराइल को बनाया |
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كَذَلِكَ وَأَوْرَثْنَاهَا بَنِي إِسْرَائِيلَ |
60 |
ग़रज़ (मूसा) तो रात ही को चले गए |
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فَأَتْبَعُوهُم مُّشْرِقِينَ |
61 |
और उन लोगों ने सूरज निकलते उनका पीछा किया तो जब दोनों जमाअतें (इतनी करीब हुयीं कि) एक दूसरे को देखने लगी तो मूसा के साथी (हैरान होकर) कहने लगे |
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فَلَمَّا تَرَاءى الْجَمْعَانِ قَالَ أَصْحَابُ مُوسَى إِنَّا لَمُدْرَكُونَ |
62 |
कि अब तो पकड़े गए मूसा ने कहा हरगिज़ नहीं क्योंकि मेरे साथ मेरा परवरदिगार है |
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قَالَ كَلَّا إِنَّ مَعِيَ رَبِّي سَيَهْدِينِ |
63 |
वह फौरन मुझे कोई (मुखलिसी का) रास्ता बता देगा तो हमने मूसा के पास वही भेजी कि अपनी छड़ी दरिया पर मारो (मारना था कि) फौरन दरिया फुट के टुकड़े टुकड़े हो गया तो गोया हर टुकड़ा एक बड़ा ऊँचा पहाड़ था |
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فَأَوْحَيْنَا إِلَى مُوسَى أَنِ اضْرِب بِّعَصَاكَ الْبَحْرَ فَانفَلَقَ فَكَانَ كُلُّ فِرْقٍ كَالطَّوْدِ الْعَظِيمِ |
64 |
और हमने उसी जगह दूसरे फरीक (फिरऔन के साथी) को क़रीब कर दिया |
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وَأَزْلَفْنَا ثَمَّ الْآخَرِينَ |
65 |
और मूसा और उसके साथियों को हमने (डूबने से) बचा लिया |
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وَأَنجَيْنَا مُوسَى وَمَن مَّعَهُ أَجْمَعِينَ |
66 |
फिर दूसरे फरीक़ (फिरऔन और उसके साथियों) को डुबोकर हलाक़ कर दिया |
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ثُمَّ أَغْرَقْنَا الْآخَرِينَ |
67 |
बेशक इसमें यक़ीनन एक बड़ी इबरत है और उनमें अक्सर ईमान लाने वाले ही न थे |
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إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُم مُّؤْمِنِينَ |
68 |
और इसमें तो शक ही न था कि तुम्हारा परवरदिगार यक़ीनन (सब पर) ग़ालिब और बड़ा मेहरबान है |
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وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ |
69 |
और (ऐ रसूल) उन लोगों के सामने इबराहीम का किस्सा बयान करों |
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وَاتْلُ عَلَيْهِمْ نَبَأَ إِبْرَاهِيمَ |
70 |
जब उन्होंने अपने (मुँह बोले) बाप और अपनी क़ौम से कहा |
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إِذْ قَالَ لِأَبِيهِ وَقَوْمِهِ مَا تَعْبُدُونَ |
71 |
कि तुम लोग किसकी इबादत करते हो तो वह बोले हम बुतों की इबादत करते हैं और उन्हीं के मुजाविर बन जाते हैं |
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قَالُوا نَعْبُدُ أَصْنَامًا فَنَظَلُّ لَهَا عَاكِفِينَ |
72 |
इबराहीम ने कहा भला जब तुम लोग उन्हें पुकारते हो तो वह तुम्हारी कुछ सुनते हैं |
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قَالَ هَلْ يَسْمَعُونَكُمْ إِذْ تَدْعُونَ |
73 |
या तम्हें कुछ नफा या नुक़सान पहुँचा सकते हैं |
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أَوْ يَنفَعُونَكُمْ أَوْ يَضُرُّونَ |
74 |
कहने लगे (कि ये सब तो कुछ नहीं) बल्कि हमने अपने बाप दादाओं को ऐसा ही करते पाया है |
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قَالُوا بَلْ وَجَدْنَا آبَاءنَا كَذَلِكَ يَفْعَلُونَ |
75 |
इबराहीम ने कहा क्या तुमने देखा भी कि जिन चीज़ों कीे तुम परसतिश करते हो |
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قَالَ أَفَرَأَيْتُم مَّا كُنتُمْ تَعْبُدُونَ |
76 |
या तुम्हारे अगले बाप दादा (करते थे) ये सब मेरे यक़ीनी दुश्मन हैं |
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أَنتُمْ وَآبَاؤُكُمُ الْأَقْدَمُونَ |
77 |
मगर सारे जहाँ का पालने वाला जिसने मुझे पैदा किया (वही मेरा दोस्त है) |
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فَإِنَّهُمْ عَدُوٌّ لِّي إِلَّا رَبَّ الْعَالَمِينَ |
78 |
फिर वही मेरी हिदायत करता है |
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الَّذِي خَلَقَنِي فَهُوَ يَهْدِينِ |
79 |
और वह शख्स जो मुझे (खाना) खिलाता है और मुझे (पानी) पिलाता है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026079.mp3
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وَالَّذِي هُوَ يُطْعِمُنِي وَيَسْقِينِ |
80 |
और जब बीमार पड़ता हूँ तो वही मुझे शिफा इनायत फरमाता है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026080.mp3
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وَإِذَا مَرِضْتُ فَهُوَ يَشْفِينِ |
81 |
और वह वही हेै जो मुझे मार डालेगा और उसके बाद (फिर) मुझे ज़िन्दा करेगा |
/content/ayah/audio/hudhaify/026081.mp3
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وَالَّذِي يُمِيتُنِي ثُمَّ يُحْيِينِ |
82 |
और वह वही है जिससे मै उम्मीद रखता हूँ कि क़यामत के दिन मेरी ख़ताओं को बख्श देगा |
/content/ayah/audio/hudhaify/026082.mp3
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وَالَّذِي أَطْمَعُ أَن يَغْفِرَ لِي خَطِيئَتِي يَوْمَ الدِّينِ |
83 |
परवरदिगार मुझे इल्म व फहम अता फरमा और मुझे नेकों के साथ शामिल कर |
/content/ayah/audio/hudhaify/026083.mp3
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رَبِّ هَبْ لِي حُكْمًا وَأَلْحِقْنِي بِالصَّالِحِينَ |
84 |
और आइन्दा आने वाली नस्लों में मेरा ज़िक्रे ख़ैर क़ायम रख |
/content/ayah/audio/hudhaify/026084.mp3
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وَاجْعَل لِّي لِسَانَ صِدْقٍ فِي الْآخِرِينَ |
85 |
और मुझे भी नेअमत के बाग़ (बेहश्त) के वारिसों में से बना |
/content/ayah/audio/hudhaify/026085.mp3
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وَاجْعَلْنِي مِن وَرَثَةِ جَنَّةِ النَّعِيمِ |
86 |
और मेरे (मुँह बोले) बाप (चचा आज़र) को बख्श दे क्योंकि वह गुमराहों में से है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026086.mp3
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وَاغْفِرْ لِأَبِي إِنَّهُ كَانَ مِنَ الضَّالِّينَ |
87 |
और जिस दिन लोग क़ब्रों से उठाए जाएँगें मुझे रुसवा न करना |
/content/ayah/audio/hudhaify/026087.mp3
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وَلَا تُخْزِنِي يَوْمَ يُبْعَثُونَ |
88 |
जिस दिन न तो माल ही कुछ काम आएगा और न लड़के बाले |
/content/ayah/audio/hudhaify/026088.mp3
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يَوْمَ لَا يَنفَعُ مَالٌ وَلَا بَنُونَ |
89 |
मगर जो शख्स ख़ुदा के सामने (गुनाहों से) पाक दिल लिए हुए हाज़िर होगा (वह फायदे में रहेगा) |
/content/ayah/audio/hudhaify/026089.mp3
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إِلَّا مَنْ أَتَى اللَّهَ بِقَلْبٍ سَلِيمٍ |
90 |
और बेहश्त परहेज़ गारों के क़रीब कर दी जाएगी |
/content/ayah/audio/hudhaify/026090.mp3
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وَأُزْلِفَتِ الْجَنَّةُ لِلْمُتَّقِينَ |
91 |
और दोज़ख़ गुमराहों के सामने ज़ाहिर कर दी जाएगी |
/content/ayah/audio/hudhaify/026091.mp3
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وَبُرِّزَتِ الْجَحِيمُ لِلْغَاوِينَ |
92 |
और उन लोगों (अहले जहन्नुम) से पूछा जाएगा कि ख़ुदा को छोड़कर जिनकी तुम परसतिश करते थे (आज) वह कहाँ हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026092.mp3
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وَقِيلَ لَهُمْ أَيْنَ مَا كُنتُمْ تَعْبُدُونَ |
93 |
क्या वह तुम्हारी कुछ मदद कर सकते हैं या वह ख़ुद अपनी आप बाहम मदद कर सकते हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026093.mp3
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مِن دُونِ اللَّهِ هَلْ يَنصُرُونَكُمْ أَوْ يَنتَصِرُونَ |
94 |
फिर वह (माबूद) और गुमराह लोग और शैतान का लशकर |
/content/ayah/audio/hudhaify/026094.mp3
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فَكُبْكِبُوا فِيهَا هُمْ وَالْغَاوُونَ |
95 |
(ग़रज़ सबके सब) जहन्नुम में औधें मुँह ढकेल दिए जाएँगे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026095.mp3
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وَجُنُودُ إِبْلِيسَ أَجْمَعُونَ |
96 |
और ये लोग जहन्नुम में बाहम झगड़ा करेंगे और अपने माबूद से कहेंगे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026096.mp3
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قَالُوا وَهُمْ فِيهَا يَخْتَصِمُونَ |
97 |
ख़ुदा की क़सम हम लोग तो यक़ीनन सरीही गुमराही में थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026097.mp3
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تَاللَّهِ إِن كُنَّا لَفِي ضَلَالٍ مُّبِينٍ |
98 |
कि हम तुम को सारे जहाँन के पालने वाले (ख़ुदा) के बराबर समझते रहे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026098.mp3
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إِذْ نُسَوِّيكُم بِرَبِّ الْعَالَمِينَ |
99 |
और हमको बस (उन) गुनाहगारों ने (जो मुझसे पहले हुए) गुमराह किया |
/content/ayah/audio/hudhaify/026099.mp3
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وَمَا أَضَلَّنَا إِلَّا الْمُجْرِمُونَ |
100 |
तो अब तो न कोई (साहब) मेरी सिफारिश करने वाले हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026100.mp3
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فَمَا لَنَا مِن شَافِعِينَ |
101 |
और न कोई दिलबन्द दोस्त हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026101.mp3
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وَلَا صَدِيقٍ حَمِيمٍ |
102 |
तो काश हमें अब दुनिया में दोबारा जाने का मौक़ा मिलता तो हम (ज़रुर) ईमान वालों से होते |
/content/ayah/audio/hudhaify/026102.mp3
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فَلَوْ أَنَّ لَنَا كَرَّةً فَنَكُونَ مِنَ الْمُؤْمِنِينَ |
103 |
इबराहीम के इस किस्से में भी यक़ीनन एक बड़ी इबरत है और इनमें से अक्सर ईमान लाने वाले थे भी नहीं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026103.mp3
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إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُم مُّؤْمِنِينَ |
104 |
और इसमे तो शक ही नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार (सब पर) ग़ालिब और बड़ा मेहरबान है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026104.mp3
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وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ |
105 |
(यूँ ही) नूह की क़ौम ने पैग़म्बरो को झुठलाया |
/content/ayah/audio/hudhaify/026105.mp3
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كَذَّبَتْ قَوْمُ نُوحٍ الْمُرْسَلِينَ |
106 |
कि जब उनसे उन के भाई नूह ने कहा कि तुम लोग (ख़ुदा से) क्यों नहीं डरते मै तो तुम्हारा यक़ीनी अमानत दार पैग़म्बर हूँ |
/content/ayah/audio/hudhaify/026106.mp3
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إِذْ قَالَ لَهُمْ أَخُوهُمْ نُوحٌ أَلَا تَتَّقُونَ |
107 |
तुम खुदा से डरो और मेरी इताअत करो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026107.mp3
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إِنِّي لَكُمْ رَسُولٌ أَمِينٌ |
108 |
और मैं इस (तबलीग़े रिसालत) पर कुछ उजरत तो माँगता नहीं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026108.mp3
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فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ |
109 |
मेरी उजरत तो बस सारे जहाँ के पालने वाले ख़ुदा पर है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026109.mp3
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وَمَا أَسْأَلُكُمْ عَلَيْهِ مِنْ أَجْرٍ إِنْ أَجْرِيَ إِلَّا عَلَى رَبِّ الْعَالَمِينَ |
110 |
तो ख़ुदा से डरो और मेरी इताअत करो वह लोग बोले जब कमीनो मज़दूरों वग़ैरह ने (लालच से) तुम्हारी पैरवी कर ली है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026110.mp3
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فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ |
111 |
तो हम तुम पर क्या ईमान लाएं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026111.mp3
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قَالُوا أَنُؤْمِنُ لَكَ وَاتَّبَعَكَ الْأَرْذَلُونَ |
112 |
नूह ने कहा ये लोग जो कुछ करते थे मुझे क्या ख़बर (और क्या ग़रज़) |
/content/ayah/audio/hudhaify/026112.mp3
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قَالَ وَمَا عِلْمِي بِمَا كَانُوا يَعْمَلُونَ |
113 |
इन लोगों का हिसाब तो मेरे परवरदिगार के ज़िम्मे है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026113.mp3
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إِنْ حِسَابُهُمْ إِلَّا عَلَى رَبِّي لَوْ تَشْعُرُونَ |
114 |
काश तुम (इतनी) समझ रखते और मै तो ईमानदारों को अपने पास से निकालने वाला नहीं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026114.mp3
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وَمَا أَنَا بِطَارِدِ الْمُؤْمِنِينَ |
115 |
मै तो सिर्फ (अज़ाबे ख़ुदा से) साफ साफ डराने वाला हूँ |
/content/ayah/audio/hudhaify/026115.mp3
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إِنْ أَنَا إِلَّا نَذِيرٌ مُّبِينٌ |
116 |
वह लोग कहने लगे ऐ नूह अगर तुम अपनी हरकत से बाज़ न आओगे तो ज़रुर संगसार कर दिए जाओगे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026116.mp3
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قَالُوا لَئِن لَّمْ تَنتَهِ يَا نُوحُ لَتَكُونَنَّ مِنَ الْمَرْجُومِينَ |
117 |
नूह ने अर्ज की परवरदिगार मेरी क़ौम ने यक़ीनन मुझे झुठलाया |
/content/ayah/audio/hudhaify/026117.mp3
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قَالَ رَبِّ إِنَّ قَوْمِي كَذَّبُونِ |
118 |
तो अब तू मेरे और इन लोगों के दरमियान एक क़तई फैसला कर दे और मुझे और जो मोमिनीन मेरे साथ हें उनको नजात दे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026118.mp3
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فَافْتَحْ بَيْنِي وَبَيْنَهُمْ فَتْحًا وَنَجِّنِي وَمَن مَّعِي مِنَ الْمُؤْمِنِينَ |
119 |
ग़रज़ हमने नूह और उनके साथियों को जो भरी हुई कश्ती में थे नजात दी |
/content/ayah/audio/hudhaify/026119.mp3
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فَأَنجَيْنَاهُ وَمَن مَّعَهُ فِي الْفُلْكِ الْمَشْحُونِ |
120 |
फिर उसके बाद हमने बाक़ी लोगों को ग़रक कर दिया |
/content/ayah/audio/hudhaify/026120.mp3
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ثُمَّ أَغْرَقْنَا بَعْدُ الْبَاقِينَ |
121 |
बेशक इसमे भी यक़ीनन बड़ी इबरत है और उनमें से बहुतेरे ईमान लाने वाले ही न थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026121.mp3
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إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُم مُّؤْمِنِينَ |
122 |
और इसमें तो शक ही नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार (सब पर) ग़ालिब मेहरबान है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026122.mp3
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وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ |
123 |
(इसी तरह क़ौम) आद ने पैग़म्बरों को झुठलाया |
/content/ayah/audio/hudhaify/026123.mp3
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كَذَّبَتْ عَادٌ الْمُرْسَلِينَ |
124 |
जब उनके भाई हूद ने उनसे कहा कि तुम ख़ुदा से क्यों नही डरते |
/content/ayah/audio/hudhaify/026124.mp3
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إِذْ قَالَ لَهُمْ أَخُوهُمْ هُودٌ أَلَا تَتَّقُونَ |
125 |
मैं तो यक़ीनन तुम्हारा अमानतदार पैग़म्बर हूँ |
/content/ayah/audio/hudhaify/026125.mp3
|
إِنِّي لَكُمْ رَسُولٌ أَمِينٌ |
126 |
तो ख़ुदा से डरो और मेरी इताअत करो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026126.mp3
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فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ |
127 |
मै तो तुम से इस (तबलीग़े रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता मेरी उजरत तो बस सारी ख़ुदायी के पालने वाले (ख़ुदा) पर है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026127.mp3
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وَمَا أَسْأَلُكُمْ عَلَيْهِ مِنْ أَجْرٍ إِنْ أَجْرِيَ إِلَّا عَلَى رَبِّ الْعَالَمِينَ |
128 |
तो क्या तुम ऊँची जगह पर बेकार यादगारे बनाते फिरते हो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026128.mp3
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أَتَبْنُونَ بِكُلِّ رِيعٍ آيَةً تَعْبَثُونَ |
129 |
और बड़े बड़े महल तामीर करते हो गोया तुम हमेशा (यहीं) रहोगे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026129.mp3
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وَتَتَّخِذُونَ مَصَانِعَ لَعَلَّكُمْ تَخْلُدُونَ |
130 |
और जब तुम (किसी पर) हाथ डालते हो तो सरकशी से हाथ डालते हो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026130.mp3
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وَإِذَا بَطَشْتُم بَطَشْتُمْ جَبَّارِينَ |
131 |
तो तुम ख़ुदा से डरो और मेरी इताअत करो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026131.mp3
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فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ |
132 |
और उस शख्स से डरो जिसने तुम्हारी उन चीज़ों से मदद की जिन्हें तुम खूब जानते हो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026132.mp3
|
وَاتَّقُوا الَّذِي أَمَدَّكُم بِمَا تَعْلَمُونَ |
133 |
अच्छा सुनो उसने तुम्हारे चार पायों और लड़के बालों वग़ैरह और चश्मों से मदद की |
/content/ayah/audio/hudhaify/026133.mp3
|
أَمَدَّكُم بِأَنْعَامٍ وَبَنِينَ |
134 |
मै तो यक़ीनन तुम पर |
/content/ayah/audio/hudhaify/026134.mp3
|
وَجَنَّاتٍ وَعُيُونٍ |
135 |
एक बड़े (सख्त) रोज़ के अज़ाब से डरता हूँ |
/content/ayah/audio/hudhaify/026135.mp3
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إِنِّي أَخَافُ عَلَيْكُمْ عَذَابَ يَوْمٍ عَظِيمٍ |
136 |
वह लोग कहने लगे ख्वाह तुम नसीहत करो या न नसीहत करो हमारे वास्ते (सब) बराबर है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026136.mp3
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قَالُوا سَوَاء عَلَيْنَا أَوَعَظْتَ أَمْ لَمْ تَكُن مِّنَ الْوَاعِظِينَ |
137 |
ये (डरावा) तो बस अगले लोगों की आदत है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026137.mp3
|
إِنْ هَذَا إِلَّا خُلُقُ الْأَوَّلِينَ |
138 |
हालाँकि हम पर अज़ाब (वग़ैरह अब) किया नहीं जाएगा |
/content/ayah/audio/hudhaify/026138.mp3
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وَمَا نَحْنُ بِمُعَذَّبِينَ |
139 |
ग़रज़ उन लोगों ने हूद को झुठला दिया तो हमने भी उनको हलाक कर डाला बेशक इस वाक़िये में यक़ीनी एक बड़ी इबरत है आर उनमें से बहुतेरे ईमान लाने वाले भी न थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026139.mp3
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فَكَذَّبُوهُ فَأَهْلَكْنَاهُمْ إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُم مُّؤْمِنِينَ |
140 |
और इसमें शक नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार यक़ीनन (सब पर) ग़ालिब (और) बड़ा मेहरबान है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026140.mp3
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وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ |
141 |
(इसी तरह क़ौम) समूद ने पैग़म्बरों को झुठलाया |
/content/ayah/audio/hudhaify/026141.mp3
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كَذَّبَتْ ثَمُودُ الْمُرْسَلِينَ |
142 |
जब उनके भाई सालेह ने उनसे कहा कि तुम (ख़ुदा से) क्यो नहीं डरते |
/content/ayah/audio/hudhaify/026142.mp3
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إِذْ قَالَ لَهُمْ أَخُوهُمْ صَالِحٌ أَلَا تَتَّقُونَ |
143 |
मैं तो यक़ीनन तुम्हारा अमानतदार पैग़म्बर हूँ |
/content/ayah/audio/hudhaify/026143.mp3
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إِنِّي لَكُمْ رَسُولٌ أَمِينٌ |
144 |
तो खुदा से डरो और मेरी इताअत करो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026144.mp3
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فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ |
145 |
और मै तो तुमसे इस (तबलीगे रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता- मेरी मज़दूरी तो बस सारी ख़ुदाई के पालने वाले (ख़ुदा पर है) |
/content/ayah/audio/hudhaify/026145.mp3
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وَمَا أَسْأَلُكُمْ عَلَيْهِ مِنْ أَجْرٍ إِنْ أَجْرِيَ إِلَّا عَلَى رَبِّ الْعَالَمِينَ |
146 |
क्या जो चीजें यहाँ (दुनिया में) मौजूद है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026146.mp3
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أَتُتْرَكُونَ فِي مَا هَاهُنَا آمِنِينَ |
147 |
बाग़ और चश्में और खेतिया और छुहारे जिनकी कलियाँ लतीफ़ व नाज़ुक होती है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026147.mp3
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فِي جَنَّاتٍ وَعُيُونٍ |
148 |
उन्हीं मे तुम लोग इतमिनान से (हमेशा के लिए) छोड़ दिए जाओगे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026148.mp3
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وَزُرُوعٍ وَنَخْلٍ طَلْعُهَا هَضِيمٌ |
149 |
और (इस वजह से) पूरी महारत और तकलीफ के साथ पहाड़ों को काट काट कर घर बनाते हो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026149.mp3
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وَتَنْحِتُونَ مِنَ الْجِبَالِ بُيُوتًا فَارِهِينَ |
150 |
तो ख़ुदा से डरो और मेरी इताअत करो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026150.mp3
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فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ |
151 |
और ज्यादती करने वालों का कहा न मानों |
/content/ayah/audio/hudhaify/026151.mp3
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وَلَا تُطِيعُوا أَمْرَ الْمُسْرِفِينَ |
152 |
जो रुए ज़मीन पर फ़साद फैलाया करते हैं और (ख़राबियों की) इसलाह नहीं करते |
/content/ayah/audio/hudhaify/026152.mp3
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الَّذِينَ يُفْسِدُونَ فِي الْأَرْضِ وَلَا يُصْلِحُونَ |
153 |
वह लोग बोले कि तुम पर तो बस जादू कर दिया गया है (कि ऐसी बातें करते हो) |
/content/ayah/audio/hudhaify/026153.mp3
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قَالُوا إِنَّمَا أَنتَ مِنَ الْمُسَحَّرِينَ |
154 |
तुम भी तो आख़िर हमारे ही ऐसे आदमी हो पस अगर तुम सच्चे हो तो कोई मौजिज़ा हमारे पास ला (दिखाओ) |
/content/ayah/audio/hudhaify/026154.mp3
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مَا أَنتَ إِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُنَا فَأْتِ بِآيَةٍ إِن كُنتَ مِنَ الصَّادِقِينَ |
155 |
सालेह ने कहा- यही ऊँटनी (मौजिज़ा) है एक बारी इसके पानी पीने की है और एक मुक़र्रर दिन तुम्हारे पीने का |
/content/ayah/audio/hudhaify/026155.mp3
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قَالَ هَذِهِ نَاقَةٌ لَّهَا شِرْبٌ وَلَكُمْ شِرْبُ يَوْمٍ مَّعْلُومٍ |
156 |
और इसको कोई तकलीफ़ न पहुँचाना वरना एक बड़े (सख्त) ज़ोर का अज़ाब तुम्हे ले डालेगा |
/content/ayah/audio/hudhaify/026156.mp3
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وَلَا تَمَسُّوهَا بِسُوءٍ فَيَأْخُذَكُمْ عَذَابُ يَوْمٍ عَظِيمٍ |
157 |
इस पर भी उन लोगों ने उसके पाँव काट डाले और (उसको मार डाला) फिर ख़़ुद पशेमान हुए |
/content/ayah/audio/hudhaify/026157.mp3
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فَعَقَرُوهَا فَأَصْبَحُوا نَادِمِينَ |
158 |
फिर उन्हें अज़ाब ने ले डाला-बेशक इसमें यक़ीनन एक बड़ी इबरत है और इनमें के बहुतेरे ईमान लाने वाले भी न थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026158.mp3
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فَأَخَذَهُمُ الْعَذَابُ إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُم مُّؤْمِنِينَ |
159 |
और इसमें शक ही नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार (सब पर) ग़ालिब और मेहरबान है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026159.mp3
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وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ |
160 |
इसी तरह लूत की क़ौम ने पैग़म्बरों को झुठलाया |
/content/ayah/audio/hudhaify/026160.mp3
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كَذَّبَتْ قَوْمُ لُوطٍ الْمُرْسَلِينَ |
161 |
जब उनके भाई लूत ने उनसे कहा कि तुम (ख़ुदा से) क्यों नहीं डरते |
/content/ayah/audio/hudhaify/026161.mp3
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إِذْ قَالَ لَهُمْ أَخُوهُمْ لُوطٌ أَلَا تَتَّقُونَ |
162 |
मै तो यक़ीनन तुम्हारा अमानतदार पैग़म्बर हूँ तो ख़ुदा से डरो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026162.mp3
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إِنِّي لَكُمْ رَسُولٌ أَمِينٌ |
163 |
और मेरी इताअत करो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026163.mp3
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فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ |
164 |
और मै तो तुमसे इस (तबलीगे रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता मेरी मज़दूरी तो बस सारी ख़ुदायी के पालने वाले (ख़ुदा) पर है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026164.mp3
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وَمَا أَسْأَلُكُمْ عَلَيْهِ مِنْ أَجْرٍ إِنْ أَجْرِيَ إِلَّا عَلَى رَبِّ الْعَالَمِينَ |
165 |
क्या तुम लोग (शहवत परस्ती के लिए) सारे जहाँ के लोगों में मर्दों ही के पास जाते हो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026165.mp3
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أَتَأْتُونَ الذُّكْرَانَ مِنَ الْعَالَمِينَ |
166 |
और तुम्हारे वास्ते जो बीवियाँ तुम्हारे परवरदिगार ने पैदा की है उन्हें छोड़ देते हो (ये कुछ नहीं) बल्कि तुम लोग हद से गुज़र जाने वाले आदमी हो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026166.mp3
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وَتَذَرُونَ مَا خَلَقَ لَكُمْ رَبُّكُمْ مِنْ أَزْوَاجِكُم بَلْ أَنتُمْ قَوْمٌ عَادُونَ |
167 |
उन लोगों ने कहा ऐ लूत अगर तुम बाज़ न आओगे तो तुम ज़रुर निकल बाहर कर दिए जाओगे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026167.mp3
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قَالُوا لَئِن لَّمْ تَنتَهِ يَا لُوطُ لَتَكُونَنَّ مِنَ الْمُخْرَجِينَ |
168 |
लूत ने कहा मै यक़ीनन तुम्हारी (नाशाइसता) हरकत से बेज़ार हूँ |
/content/ayah/audio/hudhaify/026168.mp3
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قَالَ إِنِّي لِعَمَلِكُم مِّنَ الْقَالِينَ |
169 |
(और दुआ की) परवरदिगार जो कुछ ये लोग करते है उससे मुझे और मेरे लड़कों को नजात दे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026169.mp3
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رَبِّ نَجِّنِي وَأَهْلِي مِمَّا يَعْمَلُونَ |
170 |
तो हमने उनको और उनके सब लड़कों को नजात दी |
/content/ayah/audio/hudhaify/026170.mp3
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فَنَجَّيْنَاهُ وَأَهْلَهُ أَجْمَعِينَ |
171 |
मगर (लूत की) बूढ़ी औरत कि वह पीछे रह गयी |
/content/ayah/audio/hudhaify/026171.mp3
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إِلَّا عَجُوزًا فِي الْغَابِرِينَ |
172 |
(और हलाक हो गयी) फिर हमने उन लोगों को हलाक कर डाला |
/content/ayah/audio/hudhaify/026172.mp3
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ثُمَّ دَمَّرْنَا الْآخَرِينَ |
173 |
और उन पर हमने (पत्थरों का) मेंह बरसाया तो जिन लोगों को (अज़ाबे ख़ुदा से) डराया गया था |
/content/ayah/audio/hudhaify/026173.mp3
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وَأَمْطَرْنَا عَلَيْهِم مَّطَرًا فَسَاء مَطَرُ الْمُنذَرِينَ |
174 |
उन पर क्या बड़ी बारिश हुई इस वाक़िये में भी एक बड़ी इबरत है और इनमें से बहुतेरे ईमान लाने वाले ही न थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026174.mp3
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إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُم مُّؤْمِنِينَ |
175 |
और इसमे तो शक ही नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार यक़ीनन सब पर ग़ालिब (और) बड़ा मेहरबान है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026175.mp3
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وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ |
176 |
इसी तरह जंगल के रहने वालों ने (मेरे) पैग़म्बरों को झुठलाया |
/content/ayah/audio/hudhaify/026176.mp3
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كَذَّبَ أَصْحَابُ الْأَيْكَةِ الْمُرْسَلِينَ |
177 |
जब शुएब ने उनसे कहा कि तुम (ख़ुदा से) क्यों नहीं डरते |
/content/ayah/audio/hudhaify/026177.mp3
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إِذْ قَالَ لَهُمْ شُعَيْبٌ أَلَا تَتَّقُونَ |
178 |
मै तो बिला शुबाह तुम्हारा अमानदार हूँ |
/content/ayah/audio/hudhaify/026178.mp3
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إِنِّي لَكُمْ رَسُولٌ أَمِينٌ |
179 |
तो ख़ुदा से डरो और मेरी इताअत करो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026179.mp3
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فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ |
180 |
मै तो तुमसे इस (तबलीग़े रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता मेरी मज़दूरी तो बस सारी ख़ुदाई के पालने वाले (ख़ुदा) के ज़िम्मे है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026180.mp3
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وَمَا أَسْأَلُكُمْ عَلَيْهِ مِنْ أَجْرٍ إِنْ أَجْرِيَ إِلَّا عَلَى رَبِّ الْعَالَمِينَ |
181 |
तुम (जब कोई चीज़ नाप कर दो तो) पूरा पैमाना दिया करो और नुक़सान (कम देने वाले) न बनो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026181.mp3
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أَوْفُوا الْكَيْلَ وَلَا تَكُونُوا مِنَ الْمُخْسِرِينَ |
182 |
और तुम (जब तौलो तो) ठीक तराज़ू से डन्डी सीधी रखकर तौलो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026182.mp3
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وَزِنُوا بِالْقِسْطَاسِ الْمُسْتَقِيمِ |
183 |
और लोगों को उनकी चीज़े (जो ख़रीदें) कम न ज्यादा करो और ज़मीन से फसाद न फैलाते फिरो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026183.mp3
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وَلَا تَبْخَسُوا النَّاسَ أَشْيَاءهُمْ وَلَا تَعْثَوْا فِي الْأَرْضِ مُفْسِدِينَ |
184 |
और उस (ख़ुदा) से डरो जिसने तुम्हे और अगली ख़िलकत को पैदा किया |
/content/ayah/audio/hudhaify/026184.mp3
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وَاتَّقُوا الَّذِي خَلَقَكُمْ وَالْجِبِلَّةَ الْأَوَّلِينَ |
185 |
वह लोग कहने लगे तुम पर तो बस जादू कर दिया गया है (कि ऐसी बातें करते हों) |
/content/ayah/audio/hudhaify/026185.mp3
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قَالُوا إِنَّمَا أَنتَ مِنَ الْمُسَحَّرِينَ |
186 |
और तुम तो हमारे ही ऐसे एक आदमी हो और हम लोग तो तुमको झूठा ही समझते हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026186.mp3
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وَمَا أَنتَ إِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُنَا وَإِن نَّظُنُّكَ لَمِنَ الْكَاذِبِينَ |
187 |
तो अगर तुम सच्चे हो तो हम पर आसमान का एक टुकड़ा गिरा दो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026187.mp3
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فَأَسْقِطْ عَلَيْنَا كِسَفًا مِّنَ السَّمَاء إِن كُنتَ مِنَ الصَّادِقِينَ |
188 |
और शुएब ने कहा जो तुम लोग करते हो मेरा परवरदिगार ख़ूब जानता है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026188.mp3
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قَالَ رَبِّي أَعْلَمُ بِمَا تَعْمَلُونَ |
189 |
ग़रज़ उन लोगों ने शुएब को झुठलाया तो उन्हें साएबान (अब्र) के अज़ाब ने ले डाला- इसमे शक नहीं कि ये भी एक बड़े (सख्त) दिन का अज़ाब था |
/content/ayah/audio/hudhaify/026189.mp3
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فَكَذَّبُوهُ فَأَخَذَهُمْ عَذَابُ يَوْمِ الظُّلَّةِ إِنَّهُ كَانَ عَذَابَ يَوْمٍ عَظِيمٍ |
190 |
इसमे भी शक नहीं कि इसमें (समझदारों के लिए) एक बड़ी इबरत है और उनमें के बहुतेरे ईमान लाने वाले ही न थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026190.mp3
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إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُم مُّؤْمِنِينَ |
191 |
और बेशक तुम्हारा परवरदिगार यक़ीनन (सब पर) ग़ालिब (और) बड़ा मेहरबान है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026191.mp3
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وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ |
192 |
और (ऐ रसूल) बेशक ये (क़ुरान) सारी ख़ुदायी के पालने वाले (ख़ुदा) का उतारा हुआ है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026192.mp3
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وَإِنَّهُ لَتَنزِيلُ رَبِّ الْعَالَمِينَ |
193 |
जिसे रुहुल अमीन (जिबरील) साफ़ अरबी ज़बान में लेकर तुम्हारे दिल पर नाज़िल हुए है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026193.mp3
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نَزَلَ بِهِ الرُّوحُ الْأَمِينُ |
194 |
ताकि तुम भी और पैग़म्बरों की तरह |
/content/ayah/audio/hudhaify/026194.mp3
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عَلَى قَلْبِكَ لِتَكُونَ مِنَ الْمُنذِرِينَ |
195 |
लोगों को अज़ाबे ख़ुदा से डराओ |
/content/ayah/audio/hudhaify/026195.mp3
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بِلِسَانٍ عَرَبِيٍّ مُّبِينٍ |
196 |
और बेशक इसकी ख़बर अगले पैग़म्बरों की किताबों मे (भी मौजूद) है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026196.mp3
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وَإِنَّهُ لَفِي زُبُرِ الْأَوَّلِينَ |
197 |
क्या उनके लिए ये कोई (काफ़ी) निशानी नहीं है कि इसको उलेमा बनी इसराइल जानते हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026197.mp3
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أَوَلَمْ يَكُن لَّهُمْ آيَةً أَن يَعْلَمَهُ عُلَمَاء بَنِي إِسْرَائِيلَ |
198 |
और अगर हम इस क़ुरान को किसी दूसरी ज़बान वाले पर नाज़िल करते |
/content/ayah/audio/hudhaify/026198.mp3
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وَلَوْ نَزَّلْنَاهُ عَلَى بَعْضِ الْأَعْجَمِينَ |
199 |
और वह उन अरबो के सामने उसको पढ़ता तो भी ये लोग उस पर ईमान लाने वाले न थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026199.mp3
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فَقَرَأَهُ عَلَيْهِم مَّا كَانُوا بِهِ مُؤْمِنِينَ |
200 |
इसी तरह हमने (गोया ख़ुद) इस इन्कार को गुनाहगारों के दिलों में राह दी |
/content/ayah/audio/hudhaify/026200.mp3
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كَذَلِكَ سَلَكْنَاهُ فِي قُلُوبِ الْمُجْرِمِينَ |
201 |
ये लोग जब तक दर्दनाक अज़ाब को न देख लेगें उस पर ईमान न लाएँगे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026201.mp3
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لَا يُؤْمِنُونَ بِهِ حَتَّى يَرَوُا الْعَذَابَ الْأَلِيمَ |
202 |
कि वह यकायक इस हालत में उन पर आ पडेग़ा कि उन्हें ख़बर भी न होगी |
/content/ayah/audio/hudhaify/026202.mp3
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فَيَأْتِيَهُم بَغْتَةً وَهُمْ لَا يَشْعُرُونَ |
203 |
(मगर जब अज़ाब नाज़िल होगा) तो वह लोग कहेंगे कि क्या हमें (इस वक्त क़ुछ) मोहलत मिल सकती है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026203.mp3
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فَيَقُولُوا هَلْ نَحْنُ مُنظَرُونَ |
204 |
तो क्या ये लोग हमारे अज़ाब की जल्दी कर रहे हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026204.mp3
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أَفَبِعَذَابِنَا يَسْتَعْجِلُونَ |
205 |
तो क्या तुमने ग़ौर किया कि अगर हम उनको सालो साल चैन करने दे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026205.mp3
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أَفَرَأَيْتَ إِن مَّتَّعْنَاهُمْ سِنِينَ |
206 |
उसके बाद जिस (अज़ाब) का उनसे वायदा किया जाता है उनके पास आ पहुँचे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026206.mp3
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ثُمَّ جَاءهُم مَّا كَانُوا يُوعَدُونَ |
207 |
तो जिन चीज़ों से ये लोग चैन किया करते थे कुछ भी काम न आएँगी |
/content/ayah/audio/hudhaify/026207.mp3
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مَا أَغْنَى عَنْهُم مَّا كَانُوا يُمَتَّعُونَ |
208 |
और हमने किसी बस्ती को बग़ैर उसके हलाक़ नहीं किया कि उसके समझाने को (पहले से) डराने वाले (पैग़म्बर भेज दिए) थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026208.mp3
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وَمَا أَهْلَكْنَا مِن قَرْيَةٍ إِلَّا لَهَا مُنذِرُونَ |
209 |
और हम ज़ालिम नहीं है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026209.mp3
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ذِكْرَى وَمَا كُنَّا ظَالِمِينَ |
210 |
और इस क़ुरान को शयातीन लेकर नाज़िल नही हुए |
/content/ayah/audio/hudhaify/026210.mp3
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وَمَا تَنَزَّلَتْ بِهِ الشَّيَاطِينُ |
211 |
और ये काम न तो उनके लिए मुनासिब था और न वह कर सकते थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026211.mp3
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وَمَا يَنبَغِي لَهُمْ وَمَا يَسْتَطِيعُونَ |
212 |
बल्कि वह तो (वही के) सुनने से महरुम हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026212.mp3
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إِنَّهُمْ عَنِ السَّمْعِ لَمَعْزُولُونَ |
213 |
(ऐ रसूल) तुम ख़ुदा के साथ किसी दूसरे माबूद की इबादत न करो वरना तुम भी मुबतिलाए अज़ाब किए जाओगे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026213.mp3
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فَلَا تَدْعُ مَعَ اللَّهِ إِلَهًا آخَرَ فَتَكُونَ مِنَ الْمُعَذَّبِينَ |
214 |
और (ऐ रसूल) तुम अपने क़रीबी रिश्तेदारों को (अज़ाबे ख़ुदा से) डराओ |
/content/ayah/audio/hudhaify/026214.mp3
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وَأَنذِرْ عَشِيرَتَكَ الْأَقْرَبِينَ |
215 |
और जो मोमिनीन तुम्हारे पैरो हो गए हैं उनके सामने अपना बाजू झुकाओ |
/content/ayah/audio/hudhaify/026215.mp3
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وَاخْفِضْ جَنَاحَكَ لِمَنِ اتَّبَعَكَ مِنَ الْمُؤْمِنِينَ |
216 |
(तो वाज़ेए करो) पस अगर लोग तुम्हारी नाफ़रमानी करें तो तुम (साफ साफ) कह दो कि मैं तुम्हारे करतूतों से बरी उज़ ज़िम्मा हूँ |
/content/ayah/audio/hudhaify/026216.mp3
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فَإِنْ عَصَوْكَ فَقُلْ إِنِّي بَرِيءٌ مِّمَّا تَعْمَلُونَ |
217 |
और तुम उस (ख़ुदा) पर जो सबसे (ग़ालिब और) मेहरबान है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026217.mp3
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وَتَوَكَّلْ عَلَى الْعَزِيزِ الرَّحِيمِ |
218 |
भरोसा रखो कि जब तुम (नमाजे तहज्जुद में) खड़े होते हो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026218.mp3
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الَّذِي يَرَاكَ حِينَ تَقُومُ |
219 |
और सजदा |
/content/ayah/audio/hudhaify/026219.mp3
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وَتَقَلُّبَكَ فِي السَّاجِدِينَ |
220 |
करने वालों (की जमाअत) में तुम्हारा फिरना (उठना बैठना सजदा रुकूउ वगैरह सब) देखता है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026220.mp3
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إِنَّهُ هُوَ السَّمِيعُ الْعَلِيمُ |
221 |
बेशक वह बड़ा सुनने वाला वाक़िफ़कार है क्या मै तुम्हें बता दूँ कि शयातीन किन लोगों पर नाज़िल हुआ करते हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026221.mp3
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هَلْ أُنَبِّئُكُمْ عَلَى مَن تَنَزَّلُ الشَّيَاطِينُ |
222 |
(लो सुनो) ये लोग झूठे बद किरदार पर नाज़िल हुआ करते हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026222.mp3
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تَنَزَّلُ عَلَى كُلِّ أَفَّاكٍ أَثِيمٍ |
223 |
जो (फ़रिश्तों की बातों पर कान लगाए रहते हैं) कि कुछ सुन पाएँ |
/content/ayah/audio/hudhaify/026223.mp3
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يُلْقُونَ السَّمْعَ وَأَكْثَرُهُمْ كَاذِبُونَ |
224 |
हालाँकि उनमें के अक्सर तो (बिल्कुल) झूठे हैं और शायरों की पैरवी तो गुमराह लोग किया करते हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026224.mp3
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وَالشُّعَرَاء يَتَّبِعُهُمُ الْغَاوُونَ |
225 |
क्या तुम नहीं देखते कि ये लोग जंगल जंगल सरगिरदॉ मारे मारे फिरते हैं |
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أَلَمْ تَرَ أَنَّهُمْ فِي كُلِّ وَادٍ يَهِيمُونَ |
226 |
और ये लोग ऐसी बाते कहते हैं जो कभी करते नहीं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026226.mp3
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وَأَنَّهُمْ يَقُولُونَ مَا لَا يَفْعَلُونَ |
227 |
मगर (हाँ) जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए और क़सरत से ख़ुदा का ज़िक्र किया करते हैं और जब उन पर ज़ुल्म किया जा चुका उसके बाद उन्होंनें बदला लिया और जिन लोगों ने ज़ुल्म किया है उन्हें अनक़रीब ही मालूम हो जाएगा कि वह किस जगह लौटाए जाएँगें |
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إِلَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ وَذَكَرُوا اللَّهَ كَثِيراً وَانتَصَرُوا مِن بَعْدِ مَا ظُلِمُوا وَسَيَعْلَمُ الَّذِينَ ظَلَمُوا أَيَّ مُنقَلَبٍ يَنقَلِبُونَ |