Al-Lail

Change Language
Change Surah
Change Recitation

Hindi: Suhel Farooq Khan and Saifur Rahman Nadwi

Play All
# Translation Ayah
1 रात की क़सम जब (सूरज को) छिपा ले وَاللَّيْلِ إِذَا يَغْشَى
2 और दिन की क़सम जब ख़ूब रौशन हो وَالنَّهَارِ إِذَا تَجَلَّى
3 और उस (ज़ात) की जिसने नर व मादा को पैदा किया وَمَا خَلَقَ الذَّكَرَ وَالْأُنثَى
4 कि बेशक तुम्हारी कोशिश तरह तरह की है إِنَّ سَعْيَكُمْ لَشَتَّى
5 तो जिसने सख़ावत की और अच्छी बात (इस्लाम) की तस्दीक़ की فَأَمَّا مَن أَعْطَى وَاتَّقَى
6 तो हम उसके लिए राहत व आसानी وَصَدَّقَ بِالْحُسْنَى
7 (जन्नत) के असबाब मुहय्या कर देंगे فَسَنُيَسِّرُهُ لِلْيُسْرَى
8 और जिसने बुख्ल किया, और बेपरवाई की وَأَمَّا مَن بَخِلَ وَاسْتَغْنَى
9 और अच्छी बात को झुठलाया وَكَذَّبَ بِالْحُسْنَى
10 तो हम उसे सख्ती (जहन्नुम) में पहुँचा देंगे, فَسَنُيَسِّرُهُ لِلْعُسْرَى
11 और जब वह हलाक होगा तो उसका माल उसके कुछ भी काम न आएगा وَمَا يُغْنِي عَنْهُ مَالُهُ إِذَا تَرَدَّى
12 हमें राह दिखा देना ज़रूर है إِنَّ عَلَيْنَا لَلْهُدَى
13 और आख़ेरत और दुनिया (दोनों) ख़ास हमारी चीज़े हैं وَإِنَّ لَنَا لَلْآخِرَةَ وَالْأُولَى
14 तो हमने तुम्हें भड़कती हुई आग से डरा दिया فَأَنذَرْتُكُمْ نَارًا تَلَظَّى
15 उसमें बस वही दाख़िल होगा जो बड़ा बदबख्त है لَا يَصْلَاهَا إِلَّا الْأَشْقَى
16 जिसने झुठलाया और मुँह फेर लिया और जो बड़ा परहेज़गार है الَّذِي كَذَّبَ وَتَوَلَّى
17 वह उससे बचा लिया जाएगा وَسَيُجَنَّبُهَا الْأَتْقَى
18 जो अपना माल (ख़ुदा की राह) में देता है ताकि पाक हो जाए الَّذِي يُؤْتِي مَالَهُ يَتَزَكَّى
19 और लुत्फ ये है कि किसी का उस पर कोई एहसान नहीं जिसका उसे बदला दिया जाता है وَمَا لِأَحَدٍ عِندَهُ مِن نِّعْمَةٍ تُجْزَى
20 बल्कि (वह तो) सिर्फ अपने आलीशान परवरदिगार की ख़ुशनूदी हासिल करने के लिए (देता है) إِلَّا ابْتِغَاء وَجْهِ رَبِّهِ الْأَعْلَى
21 और वह अनक़रीब भी ख़ुश हो जाएगा وَلَسَوْفَ يَرْضَى
;