Al-Gashiya

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Hindi: Suhel Farooq Khan and Saifur Rahman Nadwi

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# Translation Ayah
1 भला तुमको ढाँप लेने वाली मुसीबत (क़यामत) का हाल मालुम हुआ है هَلْ أَتَاكَ حَدِيثُ الْغَاشِيَةِ
2 उस दिन बहुत से चेहरे ज़लील रूसवा होंगे وُجُوهٌ يَوْمَئِذٍ خَاشِعَةٌ
3 (तौक़ व जंज़ीर से) मयक्क़त करने वाले عَامِلَةٌ نَّاصِبَةٌ
4 थके माँदे दहकती हुई आग में दाखिल होंगे تَصْلَى نَارًا حَامِيَةً
5 उन्हें एक खौलते हुए चशमें का पानी पिलाया जाएगा تُسْقَى مِنْ عَيْنٍ آنِيَةٍ
6 ख़ारदार झाड़ी के सिवा उनके लिए कोई खाना नहीं لَّيْسَ لَهُمْ طَعَامٌ إِلَّا مِن ضَرِيعٍ
7 जो मोटाई पैदा करे न भूख में कुछ काम आएगा لَا يُسْمِنُ وَلَا يُغْنِي مِن جُوعٍ
8 (और) बहुत से चेहरे उस दिन तरो ताज़ा होंगे وُجُوهٌ يَوْمَئِذٍ نَّاعِمَةٌ
9 अपनी कोशिश (के नतीजे) पर शादमान لِسَعْيِهَا رَاضِيَةٌ
10 एक आलीशान बाग़ में فِي جَنَّةٍ عَالِيَةٍ
11 वहाँ कोई लग़ो बात सुनेंगे ही नहीं لَّا تَسْمَعُ فِيهَا لَاغِيَةً
12 उसमें चश्में जारी होंगें فِيهَا عَيْنٌ جَارِيَةٌ
13 उसमें ऊँचे ऊँचे तख्त बिछे होंगे فِيهَا سُرُرٌ مَّرْفُوعَةٌ
14 और (उनके किनारे) गिलास रखे होंगे وَأَكْوَابٌ مَّوْضُوعَةٌ
15 और गाँव तकिए क़तार की क़तार लगे होंगे وَنَمَارِقُ مَصْفُوفَةٌ
16 और नफ़ीस मसनदे बिछी हुई وَزَرَابِيُّ مَبْثُوثَةٌ
17 तो क्या ये लोग ऊँट की तरह ग़ौर नहीं करते कि कैसा अजीब पैदा किया गया है أَفَلَا يَنظُرُونَ إِلَى الْإِبِلِ كَيْفَ خُلِقَتْ
18 और आसमान की तरफ कि क्या बुलन्द बनाया गया है وَإِلَى السَّمَاء كَيْفَ رُفِعَتْ
19 और पहाड़ों की तरफ़ कि किस तरह खड़े किए गए हैं وَإِلَى الْجِبَالِ كَيْفَ نُصِبَتْ
20 और ज़मीन की तरफ कि किस तरह बिछायी गयी है وَإِلَى الْأَرْضِ كَيْفَ سُطِحَتْ
21 तो तुम नसीहत करते रहो तुम तो बस नसीहत करने वाले हो فَذَكِّرْ إِنَّمَا أَنتَ مُذَكِّرٌ
22 तुम कुछ उन पर दरोग़ा तो हो नहीं لَّسْتَ عَلَيْهِم بِمُصَيْطِرٍ
23 हाँ जिसने मुँह फेर लिया إِلَّا مَن تَوَلَّى وَكَفَرَ
24 और न माना तो ख़ुदा उसको बहुत बड़े अज़ाब की सज़ा देगा فَيُعَذِّبُهُ اللَّهُ الْعَذَابَ الْأَكْبَرَ
25 बेशक उनको हमारी तरफ़ लौट कर आना है إِنَّ إِلَيْنَا إِيَابَهُمْ
26 फिर उनका हिसाब हमारे ज़िम्मे है ثُمَّ إِنَّ عَلَيْنَا حِسَابَهُمْ
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