1 |
(इबादत या जिहाद में) पर बाँधने वालों की (क़सम) |
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وَالصَّافَّاتِ صَفًّا |
2 |
फिर (बदों को बुराई से) झिड़क कर डाँटने वाले की (क़सम) |
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فَالزَّاجِرَاتِ زَجْرًا |
3 |
फिर कुरान पढ़ने वालों की क़सम है |
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فَالتَّالِيَاتِ ذِكْرًا |
4 |
तुम्हारा माबूद (यक़ीनी) एक ही है |
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إِنَّ إِلَهَكُمْ لَوَاحِدٌ |
5 |
जो सारे आसमान ज़मीन का और जो कुछ इन दोनों के दरमियान है (सबका) परवरदिगार है |
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رَبُّ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَمَا بَيْنَهُمَا وَرَبُّ الْمَشَارِقِ |
6 |
और (चाँद सूरज तारे के) तुलूउ व (गुरूब) के मक़ामात का भी मालिक है हम ही ने नीचे वाले आसमान को तारों की आरइश (जगमगाहट) से आरास्ता किया |
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إِنَّا زَيَّنَّا السَّمَاء الدُّنْيَا بِزِينَةٍ الْكَوَاكِبِ |
7 |
और (तारों को) हर सरकश शैतान से हिफ़ाज़त के वास्ते (भी पैदा किया) |
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وَحِفْظًا مِّن كُلِّ شَيْطَانٍ مَّارِدٍ |
8 |
कि अब शैतान आलमे बाला की तरफ़ कान भी नहीं लगा सकते और (जहाँ सुन गुन लेना चाहा तो) हर तरफ़ से खदेड़ने के लिए शहाब फेके जाते हैं |
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لَا يَسَّمَّعُونَ إِلَى الْمَلَإِ الْأَعْلَى وَيُقْذَفُونَ مِن كُلِّ جَانِبٍ |
9 |
और उनके लिए पाएदार अज़ाब है |
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دُحُورًا وَلَهُمْ عَذَابٌ وَاصِبٌ |
10 |
मगर जो (शैतान शाज़ व नादिर फरिश्तों की) कोई बात उचक ले भागता है तो आग का दहकता हुआ तीर उसका पीछा करता है |
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إِلَّا مَنْ خَطِفَ الْخَطْفَةَ فَأَتْبَعَهُ شِهَابٌ ثَاقِبٌ |
11 |
तो (ऐ रसूल) तुम उनसे पूछो तो कि उनका पैदा करना ज्यादा दुश्वार है या उन (मज़कूरा) चीज़ों का जिनको हमने पैदा किया हमने तो उन लोगों को लसदार मिट्टी से पैदा किया |
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فَاسْتَفْتِهِمْ أَهُمْ أَشَدُّ خَلْقًا أَم مَّنْ خَلَقْنَا إِنَّا خَلَقْنَاهُم مِّن طِينٍ لَّازِبٍ |
12 |
बल्कि तुम (उन कुफ्फ़ार के इन्कार पर) ताज्जुब करते हो और वह लोग (तुमसे) मसख़रापन करते हैं |
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بَلْ عَجِبْتَ وَيَسْخَرُونَ |
13 |
और जब उन्हें समझाया जाता है तो समझते नहीं हैं |
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وَإِذَا ذُكِّرُوا لَا يَذْكُرُونَ |
14 |
और जब किसी मौजिजे क़ो देखते हैं तो (उससे) मसख़रापन करते हैं |
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وَإِذَا رَأَوْا آيَةً يَسْتَسْخِرُونَ |
15 |
और कहते हैं कि ये तो बस खुला हुआ जादू है |
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وَقَالُوا إِنْ هَذَا إِلَّا سِحْرٌ مُّبِينٌ |
16 |
भला जब हम मर जाएँगे और ख़ाक और हड्डियाँ रह जाएँगे |
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أَئِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا وَعِظَامًا أَئِنَّا لَمَبْعُوثُونَ |
17 |
तो क्या हम या हमारे अगले बाप दादा फिर दोबारा क़ब्रों से उठा खड़े किए जाँएगे |
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أَوَآبَاؤُنَا الْأَوَّلُونَ |
18 |
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि हाँ (ज़रूर उठाए जाओगे) |
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قُلْ نَعَمْ وَأَنتُمْ دَاخِرُونَ |
19 |
और तुम ज़लील होगे और वह (क़यामत) तो एक ललकार होगी फिर तो वह लोग फ़ौरन ही (ऑंखे फाड़-फाड़ के) देखने लगेंगे |
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فَإِنَّمَا هِيَ زَجْرَةٌ وَاحِدَةٌ فَإِذَا هُمْ يَنظُرُونَ |
20 |
और कहेंगे हाए अफसोस ये तो क़यामत का दिन है |
/content/ayah/audio/hudhaify/037020.mp3
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وَقَالُوا يَا وَيْلَنَا هَذَا يَوْمُ الدِّينِ |
21 |
(जवाब आएगा) ये वही फैसले का दिन है जिसको तुम लोग (दुनिया में) झूठ समझते थे |
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هَذَا يَوْمُ الْفَصْلِ الَّذِي كُنتُمْ بِهِ تُكَذِّبُونَ |
22 |
(और फ़रिश्तों को हुक्म होगा कि) जो लोग (दुनिया में) सरकशी करते थे उनको और उनके साथियों को और खुदा को छोड़कर जिनकी परसतिश करते हैं |
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احْشُرُوا الَّذِينَ ظَلَمُوا وَأَزْوَاجَهُمْ وَمَا كَانُوا يَعْبُدُونَ |
23 |
उनको (सबको) इकट्ठा करो फिर उन्हें जहन्नुम की राह दिखाओ |
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مِن دُونِ اللَّهِ فَاهْدُوهُمْ إِلَى صِرَاطِ الْجَحِيمِ |
24 |
और (हाँ ज़रा) उन्हें ठहराओ तो उनसे कुछ पूछना है |
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وَقِفُوهُمْ إِنَّهُم مَّسْئُولُونَ |
25 |
(अरे कमबख्तों) अब तुम्हें क्या होगा कि एक दूसरे की मदद नहीं करते |
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مَا لَكُمْ لَا تَنَاصَرُونَ |
26 |
(जवाब क्या देंगे) बल्कि वह तो आज गर्दन झुकाए हुए हैं |
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بَلْ هُمُ الْيَوْمَ مُسْتَسْلِمُونَ |
27 |
और एक दूसरे की तरफ मुतावज्जे होकर बाहम पूछताछ करेंगे |
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وَأَقْبَلَ بَعْضُهُمْ عَلَى بَعْضٍ يَتَسَاءلُونَ |
28 |
(और इन्सान शयातीन से) कहेंगे कि तुम ही तो हमारी दाहिनी तरफ से (हमें बहकाने को) चढ़ आते थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037028.mp3
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قَالُوا إِنَّكُمْ كُنتُمْ تَأْتُونَنَا عَنِ الْيَمِينِ |
29 |
वह जवाब देगें (हम क्या जानें) तुम तो खुद ईमान लाने वाले न थे |
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قَالُوا بَل لَّمْ تَكُونُوا مُؤْمِنِينَ |
30 |
और (साफ़ तो ये है कि) हमारी तुम पर कुछ हुकूमत तो थी नहीं बल्कि तुम खुद सरकश लोग थे |
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وَمَا كَانَ لَنَا عَلَيْكُم مِّن سُلْطَانٍ بَلْ كُنتُمْ قَوْمًا طَاغِينَ |
31 |
फिर अब तो लोगों पर हमारे परवरदिगार का (अज़ाब का) क़ौल पूरा हो गया कि अब हम सब यक़ीनन अज़ाब का मज़ा चखेंगे |
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فَحَقَّ عَلَيْنَا قَوْلُ رَبِّنَا إِنَّا لَذَائِقُونَ |
32 |
हम खुद गुमराह थे तो तुम को भी गुमराह किया |
/content/ayah/audio/hudhaify/037032.mp3
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فَأَغْوَيْنَاكُمْ إِنَّا كُنَّا غَاوِينَ |
33 |
ग़रज़ ये लोग सब के सब उस दिन अज़ाब में शरीक होगें |
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فَإِنَّهُمْ يَوْمَئِذٍ فِي الْعَذَابِ مُشْتَرِكُونَ |
34 |
और हम तो गुनाहगारों के साथ यूँ ही किया करते हैं ये लोग ऐसे (शरीर) थे |
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إِنَّا كَذَلِكَ نَفْعَلُ بِالْمُجْرِمِينَ |
35 |
कि जब उनसे कहा जाता था कि खुदा के सिवा कोई माबूद नहीं तो अकड़ा करते थे |
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إِنَّهُمْ كَانُوا إِذَا قِيلَ لَهُمْ لَا إِلَهَ إِلَّا اللَّهُ يَسْتَكْبِرُونَ |
36 |
और ये लोग कहते थे कि क्या एक पागल शायर के लिए हम अपने माबूदों को छोड़ बैठें (अरे कम्बख्तों ये शायर या पागल नहीं) |
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وَيَقُولُونَ أَئِنَّا لَتَارِكُوا آلِهَتِنَا لِشَاعِرٍ مَّجْنُونٍ |
37 |
बल्कि ये तो हक़ बात लेकर आया है और (अगले) पैग़म्बरों की तसदीक़ करता है |
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بَلْ جَاء بِالْحَقِّ وَصَدَّقَ الْمُرْسَلِينَ |
38 |
तुम लोग (अगर न मानोगे) तो ज़रूर दर्दनाक अज़ाब का मज़ा चखोगे |
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إِنَّكُمْ لَذَائِقُو الْعَذَابِ الْأَلِيمِ |
39 |
और तुम्हें तो उसके किये का बदला दिया जाएगा जो (जो दुनिया में) करते रहे |
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وَمَا تُجْزَوْنَ إِلَّا مَا كُنتُمْ تَعْمَلُونَ |
40 |
मगर खुदा के बरगुजीदा बन्दे |
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إِلَّا عِبَادَ اللَّهِ الْمُخْلَصِينَ |
41 |
उनके वास्ते (बेहिश्त में) एक मुक़र्रर रोज़ी होगी |
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أُوْلَئِكَ لَهُمْ رِزْقٌ مَّعْلُومٌ |
42 |
(और वह भी ऐसी वैसी नहीं) हर क़िस्म के मेवे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037042.mp3
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فَوَاكِهُ وَهُم مُّكْرَمُونَ |
43 |
और वह लोग बड़ी इज्ज़त से नेअमत के (लदे हुए) |
/content/ayah/audio/hudhaify/037043.mp3
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فِي جَنَّاتِ النَّعِيمِ |
44 |
बाग़ों में तख्तों पर (चैन से) आमने सामने बैठे होगे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037044.mp3
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عَلَى سُرُرٍ مُّتَقَابِلِينَ |
45 |
उनमें साफ सफेद बुर्राक़ शराब के जाम का दौर चल रहा होगा |
/content/ayah/audio/hudhaify/037045.mp3
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يُطَافُ عَلَيْهِم بِكَأْسٍ مِن مَّعِينٍ |
46 |
जो पीने वालों को बड़ा मज़ा देगी |
/content/ayah/audio/hudhaify/037046.mp3
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بَيْضَاء لَذَّةٍ لِّلشَّارِبِينَ |
47 |
(और फिर) न उस शराब में ख़ुमार की वजह से) दर्द सर होगा और न वह उस (के पीने) से मतवाले होंगे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037047.mp3
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لَا فِيهَا غَوْلٌ وَلَا هُمْ عَنْهَا يُنزَفُونَ |
48 |
और उनके पहलू में (शर्म से) नीची निगाहें करने वाली बड़ी बड़ी ऑंखों वाली परियाँ होगी |
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وَعِنْدَهُمْ قَاصِرَاتُ الطَّرْفِ عِينٌ |
49 |
(उनकी) गोरी-गोरी रंगतों में हल्की सी सुर्ख़ी ऐसी झलकती होगी |
/content/ayah/audio/hudhaify/037049.mp3
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كَأَنَّهُنَّ بَيْضٌ مَّكْنُونٌ |
50 |
गोया वह अन्डे हैं जो छिपाए हुए रखे हो |
/content/ayah/audio/hudhaify/037050.mp3
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فَأَقْبَلَ بَعْضُهُمْ عَلَى بَعْضٍ يَتَسَاءلُونَ |
51 |
फिर एक दूसरे की तरफ मुतावज्जे पाकर बाहम बातचीत करते करते उनमें से एक कहने वाला बोल उठेगा कि (दुनिया में) मेरा एक दोस्त था |
/content/ayah/audio/hudhaify/037051.mp3
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قَالَ قَائِلٌ مِّنْهُمْ إِنِّي كَانَ لِي قَرِينٌ |
52 |
और (मुझसे) कहा करता था कि क्या तुम भी क़यामत की तसदीक़ करने वालों में हो |
/content/ayah/audio/hudhaify/037052.mp3
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يَقُولُ أَئِنَّكَ لَمِنْ الْمُصَدِّقِينَ |
53 |
(भला जब हम मर जाएँगे) और (सड़ गल कर) मिट्टी और हव्ी (होकर) रह जाएँगे तो क्या हमको दोबारा ज़िन्दा करके हमारे (आमाल का) बदला दिया जाएगा |
/content/ayah/audio/hudhaify/037053.mp3
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أَئِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا وَعِظَامًا أَئِنَّا لَمَدِينُونَ |
54 |
(फिर अपने बेहश्त के साथियों से कहेगा) |
/content/ayah/audio/hudhaify/037054.mp3
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قَالَ هَلْ أَنتُم مُّطَّلِعُونَ |
55 |
तो क्या तुम लोग भी (मेरे साथ उसे झांक कर देखोगे) ग़रज़ झाँका तो उसे बीच जहन्नुम में (पड़ा हुआ) देखा |
/content/ayah/audio/hudhaify/037055.mp3
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فَاطَّلَعَ فَرَآهُ فِي سَوَاء الْجَحِيمِ |
56 |
(ये देख कर बेसाख्ता) बोल उठेगा कि खुदा की क़सम तुम तो मुझे भी तबाह करने ही को थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037056.mp3
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قَالَ تَاللَّهِ إِنْ كِدتَّ لَتُرْدِينِ |
57 |
और अगर मेरे परवरदिगार का एहसान न होता तो मैं भी (इस वक्त) तेरी तरह जहन्नुम में गिरफ्तार किया गया होता |
/content/ayah/audio/hudhaify/037057.mp3
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وَلَوْلَا نِعْمَةُ رَبِّي لَكُنتُ مِنَ الْمُحْضَرِينَ |
58 |
(अब बताओ) क्या (मैं तुम से न कहता था) कि हम को इस पहली मौत के सिवा फिर मरना नहीं है |
/content/ayah/audio/hudhaify/037058.mp3
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أَفَمَا نَحْنُ بِمَيِّتِينَ |
59 |
और न हम पर (आख़ेरत) में अज़ाब होगा |
/content/ayah/audio/hudhaify/037059.mp3
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إِلَّا مَوْتَتَنَا الْأُولَى وَمَا نَحْنُ بِمُعَذَّبِينَ |
60 |
(तो तुम्हें यक़ीन न होता था) ये यक़ीनी बहुत बड़ी कामयाबी है |
/content/ayah/audio/hudhaify/037060.mp3
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إِنَّ هَذَا لَهُوَ الْفَوْزُ الْعَظِيمُ |
61 |
ऐसी (ही कामयाबी) के वास्ते काम करने वालों को कारगुज़ारी करनी चाहिए |
/content/ayah/audio/hudhaify/037061.mp3
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لِمِثْلِ هَذَا فَلْيَعْمَلْ الْعَامِلُونَ |
62 |
भला मेहमानी के वास्ते ये (सामान) बेहतर है या थोहड़ का दरख्त (जो जहन्नुमियों के वास्ते होगा) |
/content/ayah/audio/hudhaify/037062.mp3
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أَذَلِكَ خَيْرٌ نُّزُلًا أَمْ شَجَرَةُ الزَّقُّومِ |
63 |
जिसे हमने यक़ीनन ज़ालिमों की आज़माइश के लिए बनाया है |
/content/ayah/audio/hudhaify/037063.mp3
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إِنَّا جَعَلْنَاهَا فِتْنَةً لِّلظَّالِمِينَ |
64 |
ये वह दरख्त हैं जो जहन्नुम की तह में उगता है |
/content/ayah/audio/hudhaify/037064.mp3
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إِنَّهَا شَجَرَةٌ تَخْرُجُ فِي أَصْلِ الْجَحِيمِ |
65 |
उसके फल ऐसे (बदनुमा) हैं गोया (हू बहू) साँप के फन जिसे छूते दिल डरे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037065.mp3
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طَلْعُهَا كَأَنَّهُ رُؤُوسُ الشَّيَاطِينِ |
66 |
फिर ये (जहन्नुमी लोग) यक़ीनन उसमें से खाएँगे फिर उसी से अपने पेट भरेंगे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037066.mp3
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فَإِنَّهُمْ لَآكِلُونَ مِنْهَا فَمَالِؤُونَ مِنْهَا الْبُطُونَ |
67 |
फिर उसके ऊपर से उन को खूब खौलता हुआ पानी (पीप वग़ैरह में) मिला मिलाकर पीने को दिया जाएगा |
/content/ayah/audio/hudhaify/037067.mp3
|
ثُمَّ إِنَّ لَهُمْ عَلَيْهَا لَشَوْبًا مِّنْ حَمِيمٍ |
68 |
फिर (खा पीकर) उनको जहन्नुम की तरफ यक़ीनन लौट जाना होगा |
/content/ayah/audio/hudhaify/037068.mp3
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ثُمَّ إِنَّ مَرْجِعَهُمْ لَإِلَى الْجَحِيمِ |
69 |
उन लोगों ने अपन बाप दादा को गुमराह पाया था |
/content/ayah/audio/hudhaify/037069.mp3
|
إِنَّهُمْ أَلْفَوْا آبَاءهُمْ ضَالِّينَ |
70 |
ये लोग भी उनके पीछे दौड़े चले जा रहे हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/037070.mp3
|
فَهُمْ عَلَى آثَارِهِمْ يُهْرَعُونَ |
71 |
और उनके क़ब्ल अगलों में से बहुतेरे गुमराह हो चुके |
/content/ayah/audio/hudhaify/037071.mp3
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وَلَقَدْ ضَلَّ قَبْلَهُمْ أَكْثَرُ الْأَوَّلِينَ |
72 |
उन लोगों के डराने वाले (पैग़म्बरों) को भेजा था |
/content/ayah/audio/hudhaify/037072.mp3
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وَلَقَدْ أَرْسَلْنَا فِيهِم مُّنذِرِينَ |
73 |
ज़रा देखो तो कि जो लोग डराए जा चुके थे उनका क्या बुरा अन्जाम हुआ |
/content/ayah/audio/hudhaify/037073.mp3
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فَانظُرْ كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُنذَرِينَ |
74 |
मगर (हाँ) खुदा के निरे खरे बन्दे (महफूज़ रहे) |
/content/ayah/audio/hudhaify/037074.mp3
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إِلَّا عِبَادَ اللَّهِ الْمُخْلَصِينَ |
75 |
और नूह ने (अपनी कौम से मायूस होकर) हमें ज़रूर पुकारा था (देखो हम) क्या खूब जवाब देने वाले थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037075.mp3
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وَلَقَدْ نَادَانَا نُوحٌ فَلَنِعْمَ الْمُجِيبُونَ |
76 |
और हमने उनको और उनके लड़के वालों को बड़ी (सख्त) मुसीबत से नजात दी |
/content/ayah/audio/hudhaify/037076.mp3
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وَنَجَّيْنَاهُ وَأَهْلَهُ مِنَ الْكَرْبِ الْعَظِيمِ |
77 |
और हमने (उनमें वह बरकत दी कि) उनकी औलाद को (दुनिया में) बरक़रार रखा |
/content/ayah/audio/hudhaify/037077.mp3
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وَجَعَلْنَا ذُرِّيَّتَهُ هُمْ الْبَاقِينَ |
78 |
और बाद को आने वाले लोगों में उनका अच्छा चर्चा बाक़ी रखा |
/content/ayah/audio/hudhaify/037078.mp3
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وَتَرَكْنَا عَلَيْهِ فِي الْآخِرِينَ |
79 |
कि सारी खुदायी में (हर तरफ से) नूह पर सलाम है |
/content/ayah/audio/hudhaify/037079.mp3
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سَلَامٌ عَلَى نُوحٍ فِي الْعَالَمِينَ |
80 |
हम नेकी करने वालों को यूँ जज़ाए ख़ैर अता फरमाते हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/037080.mp3
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إِنَّا كَذَلِكَ نَجْزِي الْمُحْسِنِينَ |
81 |
इसमें शक नहीं कि नूह हमारे (ख़ास) ईमानदार बन्दों से थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037081.mp3
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إِنَّهُ مِنْ عِبَادِنَا الْمُؤْمِنِينَ |
82 |
फिर हमने बाक़ी लोगों को डुबो दिया |
/content/ayah/audio/hudhaify/037082.mp3
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ثُمَّ أَغْرَقْنَا الْآخَرِينَ |
83 |
और यक़ीनन उन्हीं के तरीक़ो पर चलने वालों में इबराहीम (भी) ज़रूर थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037083.mp3
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وَإِنَّ مِن شِيعَتِهِ لَإِبْرَاهِيمَ |
84 |
जब वह अपने परवरदिगार (कि इबादत) की तरफ (पहलू में) ऐसा दिल लिए हुए बढ़े जो (हर ऐब से पाक था |
/content/ayah/audio/hudhaify/037084.mp3
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إِذْ جَاء رَبَّهُ بِقَلْبٍ سَلِيمٍ |
85 |
जब उन्होंने अपने (मुँह बोले) बाप और अपनी क़ौम से कहा कि तुम लोग किस चीज़ की परसतिश करते हो |
/content/ayah/audio/hudhaify/037085.mp3
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إِذْ قَالَ لِأَبِيهِ وَقَوْمِهِ مَاذَا تَعْبُدُونَ |
86 |
क्या खुदा को छोड़कर दिल से गढ़े हुए माबूदों की तमन्ना रखते हो |
/content/ayah/audio/hudhaify/037086.mp3
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أَئِفْكًا آلِهَةً دُونَ اللَّهِ تُرِيدُونَ |
87 |
फिर सारी खुदाई के पालने वाले के साथ तुम्हारा क्या ख्याल है |
/content/ayah/audio/hudhaify/037087.mp3
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فَمَا ظَنُّكُم بِرَبِّ الْعَالَمِينَ |
88 |
फिर (एक ईद में उन लोगों ने चलने को कहा) तो इबराहीम ने सितारों की तरफ़ एक नज़र देखा |
/content/ayah/audio/hudhaify/037088.mp3
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فَنَظَرَ نَظْرَةً فِي النُّجُومِ |
89 |
और कहा कि मैं (अनक़रीब) बीमार पड़ने वाला हूँ |
/content/ayah/audio/hudhaify/037089.mp3
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فَقَالَ إِنِّي سَقِيمٌ |
90 |
तो वह लोग इबराहीम के पास से पीठ फेर फेर कर हट गए |
/content/ayah/audio/hudhaify/037090.mp3
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فَتَوَلَّوْا عَنْهُ مُدْبِرِينَ |
91 |
(बस) फिर तो इबराहीम चुपके से उनके बुतों की तरफ मुतावज्जे हुए और (तान से) कहा तुम्हारे सामने इतने चढ़ाव रखते हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/037091.mp3
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فَرَاغَ إِلَى آلِهَتِهِمْ فَقَالَ أَلَا تَأْكُلُونَ |
92 |
आख़िर तुम खाते क्यों नहीं (अरे तुम्हें क्या हो गया है) |
/content/ayah/audio/hudhaify/037092.mp3
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مَا لَكُمْ لَا تَنطِقُونَ |
93 |
कि तुम बोलते तक नहीं |
/content/ayah/audio/hudhaify/037093.mp3
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فَرَاغَ عَلَيْهِمْ ضَرْبًا بِالْيَمِينِ |
94 |
फिर तो इबराहीम दाहिने हाथ से मारते हुए उन पर पिल पड़े (और तोड़-फोड़ कर एक बड़े बुत के गले में कुल्हाड़ी डाल दी) |
/content/ayah/audio/hudhaify/037094.mp3
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فَأَقْبَلُوا إِلَيْهِ يَزِفُّونَ |
95 |
जब उन लोगों को ख़बर हुई तो इबराहीम के पास दौड़ते हुए पहुँचे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037095.mp3
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قَالَ أَتَعْبُدُونَ مَا تَنْحِتُونَ |
96 |
इबराहीम ने कहा (अफ़सोस) तुम लोग उसकी परसतिश करते हो जिसे तुम लोग खुद तराश कर बनाते हो |
/content/ayah/audio/hudhaify/037096.mp3
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وَاللَّهُ خَلَقَكُمْ وَمَا تَعْمَلُونَ |
97 |
हालाँकि तुमको और जिसको तुम लोग बनाते हो (सबको) खुदा ही ने पैदा किया है (ये सुनकर) वह लोग (आपस में कहने लगे) इसके लिए (भट्टी की सी) एक इमारत बनाओ |
/content/ayah/audio/hudhaify/037097.mp3
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قَالُوا ابْنُوا لَهُ بُنْيَانًا فَأَلْقُوهُ فِي الْجَحِيمِ |
98 |
और (उसमें आग सुलगा कर उसी दहकती हुई आग में इसको डाल दो) फिर उन लोगों ने इबराहीम के साथ मक्कारी करनी चाही |
/content/ayah/audio/hudhaify/037098.mp3
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فَأَرَادُوا بِهِ كَيْدًا فَجَعَلْنَاهُمُ الْأَسْفَلِينَ |
99 |
तो हमने (आग सर्द गुलज़ार करके) उन्हें नीचा दिखाया और जब (आज़र ने) इबराहीम को निकाल दिया तो बोले मैं अपने परवरदिगार की तरफ जाता हूँ |
/content/ayah/audio/hudhaify/037099.mp3
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وَقَالَ إِنِّي ذَاهِبٌ إِلَى رَبِّي سَيَهْدِينِ |
100 |
वह अनक़रीब ही मुझे रूबरा कर देगा (फिर ग़रज की) परवरदिगार मुझे एक नेको कार (फरज़न्द) इनायत फरमा |
/content/ayah/audio/hudhaify/037100.mp3
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رَبِّ هَبْ لِي مِنَ الصَّالِحِينَ |
101 |
तो हमने उनको एक बड़े नरम दिले लड़के (के पैदा होने की) खुशख़बरी दी |
/content/ayah/audio/hudhaify/037101.mp3
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فَبَشَّرْنَاهُ بِغُلَامٍ حَلِيمٍ |
102 |
फिर जब इस्माईल अपने बाप के साथ दौड़ धूप करने लगा तो (एक दफा) इबराहीम ने कहा बेटा खूब मैं (वही के ज़रिये क्या) देखता हूँ कि मैं तो खुद तुम्हें ज़िबाह कर रहा हूँ तो तुम भी ग़ौर करो तुम्हारी इसमें क्या राय है इसमाईल ने कहा अब्बा जान जो आपको हुक्म हुआ है उसको (बे तअम्मुल) कीजिए अगर खुदा ने चाहा तो मुझे आप सब्र करने वालों में से पाएगे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037102.mp3
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فَلَمَّا بَلَغَ مَعَهُ السَّعْيَ قَالَ يَا بُنَيَّ إِنِّي أَرَى فِي الْمَنَامِ أَنِّي أَذْبَحُكَ فَانظُرْ مَاذَا تَرَى قَالَ يَا أَبَتِ افْعَلْ مَا تُؤْمَرُ سَتَجِدُنِي إِن شَاء اللَّهُ مِنَ الصَّابِرِينَ |
103 |
फिर जब दोनों ने ये ठान ली और बाप ने बेटे को (ज़िबाह करने के लिए) माथे के बल लिटाया |
/content/ayah/audio/hudhaify/037103.mp3
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فَلَمَّا أَسْلَمَا وَتَلَّهُ لِلْجَبِينِ |
104 |
और हमने (आमादा देखकर) आवाज़ दी ऐ इबराहीम |
/content/ayah/audio/hudhaify/037104.mp3
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وَنَادَيْنَاهُ أَنْ يَا إِبْرَاهِيمُ |
105 |
तुमने अपने ख्वाब को सच कर दिखाया अब तुम दोनों को बड़े मरतबे मिलेगें हम नेकी करने वालों को यूँ जज़ाए ख़ैर देते हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/037105.mp3
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قَدْ صَدَّقْتَ الرُّؤْيَا إِنَّا كَذَلِكَ نَجْزِي الْمُحْسِنِينَ |
106 |
इसमें शक नहीं कि ये यक़ीनी बड़ा सख्त और सरीही इम्तिहान था |
/content/ayah/audio/hudhaify/037106.mp3
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إِنَّ هَذَا لَهُوَ الْبَلَاء الْمُبِينُ |
107 |
और हमने इस्माईल का फ़िदया एक ज़िबाहे अज़ीम (बड़ी कुर्बानी) क़रार दिया |
/content/ayah/audio/hudhaify/037107.mp3
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وَفَدَيْنَاهُ بِذِبْحٍ عَظِيمٍ |
108 |
और हमने उनका अच्छा चर्चा बाद को आने वालों में बाक़ी रखा है |
/content/ayah/audio/hudhaify/037108.mp3
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وَتَرَكْنَا عَلَيْهِ فِي الْآخِرِينَ |
109 |
कि (सारी खुदायी में) इबराहीम पर सलाम (ही सलाम) हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/037109.mp3
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سَلَامٌ عَلَى إِبْرَاهِيمَ |
110 |
हम यूँ नेकी करने वालों को जज़ाए ख़ैर देते हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/037110.mp3
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كَذَلِكَ نَجْزِي الْمُحْسِنِينَ |
111 |
बेशक इबराहीम हमारे (ख़ास) ईमानदार बन्दों में थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037111.mp3
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إِنَّهُ مِنْ عِبَادِنَا الْمُؤْمِنِينَ |
112 |
और हमने इबराहीम को इसहाक़ (के पैदा होने की) खुशख़बरी दी थी |
/content/ayah/audio/hudhaify/037112.mp3
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وَبَشَّرْنَاهُ بِإِسْحَاقَ نَبِيًّا مِّنَ الصَّالِحِينَ |
113 |
जो एक नेकोसार नबी थे और हमने खुद इबराहीम पर और इसहाक़ पर अपनी बरकत नाज़िल की और इन दोनों की नस्ल में बाज़ तो नेकोकार और बाज़ (नाफरमानी करके) अपनी जान पर सरीही सितम ढ़ाने वाला |
/content/ayah/audio/hudhaify/037113.mp3
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وَبَارَكْنَا عَلَيْهِ وَعَلَى إِسْحَاقَ وَمِن ذُرِّيَّتِهِمَا مُحْسِنٌ وَظَالِمٌ لِّنَفْسِهِ مُبِينٌ |
114 |
और हमने मूसा और हारून पर बहुत से एहसानात किए हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/037114.mp3
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وَلَقَدْ مَنَنَّا عَلَى مُوسَى وَهَارُونَ |
115 |
और खुद दोनों को और इनकी क़ौम को बड़ी (सख्त) मुसीबत से नजात दी |
/content/ayah/audio/hudhaify/037115.mp3
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وَنَجَّيْنَاهُمَا وَقَوْمَهُمَا مِنَ الْكَرْبِ الْعَظِيمِ |
116 |
और (फिरऔन के मुक़ाबले में) हमने उनकी मदद की तो (आख़िर) यही लोग ग़ालिब रहे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037116.mp3
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وَنَصَرْنَاهُمْ فَكَانُوا هُمُ الْغَالِبِينَ |
117 |
और हमने उन दोनों को एक वाज़ेए उलम तालिब किताब (तौरेत) अता की |
/content/ayah/audio/hudhaify/037117.mp3
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وَآتَيْنَاهُمَا الْكِتَابَ الْمُسْتَبِينَ |
118 |
और दोनों को सीधी राह की हिदायत फ़रमाई |
/content/ayah/audio/hudhaify/037118.mp3
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وَهَدَيْنَاهُمَا الصِّرَاطَ الْمُسْتَقِيمَ |
119 |
और बाद को आने वालों में उनका ज़िक्रे ख़ैर बाक़ी रखा |
/content/ayah/audio/hudhaify/037119.mp3
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وَتَرَكْنَا عَلَيْهِمَا فِي الْآخِرِينَ |
120 |
कि (हर जगह) मूसा और हारून पर सलाम (ही सलाम) है |
/content/ayah/audio/hudhaify/037120.mp3
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سَلَامٌ عَلَى مُوسَى وَهَارُونَ |
121 |
हम नेकी करने वालों को यूँ जज़ाए ख़ैर अता फरमाते हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/037121.mp3
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إِنَّا كَذَلِكَ نَجْزِي الْمُحْسِنِينَ |
122 |
बेशक ये दोनों हमारे (ख़ालिस ईमानदार बन्दों में से थे) |
/content/ayah/audio/hudhaify/037122.mp3
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إِنَّهُمَا مِنْ عِبَادِنَا الْمُؤْمِنِينَ |
123 |
और इसमें शक नहीं कि इलियास यक़ीनन पैग़म्बरों में से थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037123.mp3
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وَإِنَّ إِلْيَاسَ لَمِنْ الْمُرْسَلِينَ |
124 |
जब उन्होंने अपनी क़ौम से कहा कि तुम लोग (ख़ुदा से) क्यों नहीं डरते |
/content/ayah/audio/hudhaify/037124.mp3
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إِذْ قَالَ لِقَوْمِهِ أَلَا تَتَّقُونَ |
125 |
क्या तुम लोग बाल (बुत) की परसतिश करते हो और खुदा को छोड़े बैठे हो जो सबसे बेहतर पैदा करने वाला है |
/content/ayah/audio/hudhaify/037125.mp3
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أَتَدْعُونَ بَعْلًا وَتَذَرُونَ أَحْسَنَ الْخَالِقِينَ |
126 |
और (जो) तुम्हारा परवरदिगार और तुम्हारे अगले बाप दादाओं का (भी) परवरदिगार है |
/content/ayah/audio/hudhaify/037126.mp3
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وَاللَّهَ رَبَّكُمْ وَرَبَّ آبَائِكُمُ الْأَوَّلِينَ |
127 |
तो उसे लोगों ने झुठला दिया तो ये लोग यक़ीनन (जहन्नुम) में गिरफ्तार किए जाएँगे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037127.mp3
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فَكَذَّبُوهُ فَإِنَّهُمْ لَمُحْضَرُونَ |
128 |
मगर खुदा के निरे खरे बन्दे महफूज़ रहेंगे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037128.mp3
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إِلَّا عِبَادَ اللَّهِ الْمُخْلَصِينَ |
129 |
और हमने उनका ज़िक्र ख़ैर बाद को आने वालों में बाक़ी रखा |
/content/ayah/audio/hudhaify/037129.mp3
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وَتَرَكْنَا عَلَيْهِ فِي الْآخِرِينَ |
130 |
कि (हर तरफ से) आले यासीन पर सलाम (ही सलाम) है |
/content/ayah/audio/hudhaify/037130.mp3
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سَلَامٌ عَلَى إِلْ يَاسِينَ |
131 |
हम यक़ीनन नेकी करने वालों को ऐसा ही बदला दिया करते हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/037131.mp3
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إِنَّا كَذَلِكَ نَجْزِي الْمُحْسِنِينَ |
132 |
बेशक वह हमारे (ख़ालिस) ईमानदार बन्दों में थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037132.mp3
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إِنَّهُ مِنْ عِبَادِنَا الْمُؤْمِنِينَ |
133 |
और इसमें भी शक नहीं कि लूत यक़ीनी पैग़म्बरों में से थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037133.mp3
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وَإِنَّ لُوطًا لَّمِنَ الْمُرْسَلِينَ |
134 |
जब हमने उनको और उनके लड़के वालों सब को नजात दी |
/content/ayah/audio/hudhaify/037134.mp3
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إِذْ نَجَّيْنَاهُ وَأَهْلَهُ أَجْمَعِينَ |
135 |
मगर एक (उनकी) बूढ़ी बीबी जो पीछे रह जाने वालों ही में थीं |
/content/ayah/audio/hudhaify/037135.mp3
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إِلَّا عَجُوزًا فِي الْغَابِرِينَ |
136 |
फिर हमने बाक़ी लोगों को तबाह व बर्बाद कर दिया |
/content/ayah/audio/hudhaify/037136.mp3
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ثُمَّ دَمَّرْنَا الْآخَرِينَ |
137 |
और ऐ अहले मक्का तुम लोग भी उन पर से (कभी) सुबह को और (कभी) शाम को (आते जाते गुज़रते हो) |
/content/ayah/audio/hudhaify/037137.mp3
|
وَإِنَّكُمْ لَتَمُرُّونَ عَلَيْهِم مُّصْبِحِينَ |
138 |
तो क्या तुम (इतना भी) नहीं समझते |
/content/ayah/audio/hudhaify/037138.mp3
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وَبِاللَّيْلِ أَفَلَا تَعْقِلُونَ |
139 |
और इसमें शक नहीं कि यूनुस (भी) पैग़म्बरों में से थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037139.mp3
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وَإِنَّ يُونُسَ لَمِنَ الْمُرْسَلِينَ |
140 |
(वह वक्त याद करो) जब यूनुस भाग कर एक भरी हुई कश्ती के पास पहुँचे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037140.mp3
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إِذْ أَبَقَ إِلَى الْفُلْكِ الْمَشْحُونِ |
141 |
तो (अहले कश्ती ने) कुरआ डाला तो (उनका ही नाम निकला) यूनुस ने ज़क उठायी (और दरिया में गिर पड़े) |
/content/ayah/audio/hudhaify/037141.mp3
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فَسَاهَمَ فَكَانَ مِنْ الْمُدْحَضِينَ |
142 |
तो उनको एक मछली निगल गयी और यूनुस खुद (अपनी) मलामत कर रहे थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037142.mp3
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فَالْتَقَمَهُ الْحُوتُ وَهُوَ مُلِيمٌ |
143 |
फिर अगर यूनुस (खुदा की) तसबीह (व ज़िक्र) न करते |
/content/ayah/audio/hudhaify/037143.mp3
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فَلَوْلَا أَنَّهُ كَانَ مِنْ الْمُسَبِّحِينَ |
144 |
तो रोज़े क़यामत तक मछली के पेट में रहते |
/content/ayah/audio/hudhaify/037144.mp3
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لَلَبِثَ فِي بَطْنِهِ إِلَى يَوْمِ يُبْعَثُونَ |
145 |
फिर हमने उनको (मछली के पेट से निकाल कर) एक खुले मैदान में डाल दिया |
/content/ayah/audio/hudhaify/037145.mp3
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فَنَبَذْنَاهُ بِالْعَرَاء وَهُوَ سَقِيمٌ |
146 |
और (वह थोड़ी देर में) बीमार निढाल हो गए थे और हमने उन पर साये के लिए एक कद्दू का दरख्त उगा दिया |
/content/ayah/audio/hudhaify/037146.mp3
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وَأَنبَتْنَا عَلَيْهِ شَجَرَةً مِّن يَقْطِينٍ |
147 |
और (इसके बाद) हमने एक लाख बल्कि (एक हिसाब से) ज्यादा आदमियों की तरफ (पैग़म्बर बना कर भेजा) |
/content/ayah/audio/hudhaify/037147.mp3
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وَأَرْسَلْنَاهُ إِلَى مِئَةِ أَلْفٍ أَوْ يَزِيدُونَ |
148 |
तो वह लोग (उन पर) ईमान लाए फिर हमने (भी) एक ख़ास वक्त तक उनको चैन से रखा |
/content/ayah/audio/hudhaify/037148.mp3
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فَآمَنُوا فَمَتَّعْنَاهُمْ إِلَى حِينٍ |
149 |
तो (ऐ रसूल) उन कुफ्फ़ार से पूछो कि क्या तुम्हारे परवरदिगार के लिए बेटियाँ हैं और उनके लिए बेटे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037149.mp3
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فَاسْتَفْتِهِمْ أَلِرَبِّكَ الْبَنَاتُ وَلَهُمُ الْبَنُونَ |
150 |
(क्या वाक़ई) हमने फरिश्तों की औरतें बनाया है और ये लोग (उस वक्त) मौजूद थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037150.mp3
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أَمْ خَلَقْنَا الْمَلَائِكَةَ إِنَاثًا وَهُمْ شَاهِدُونَ |
151 |
ख़बरदार (याद रखो कि) ये लोग यक़ीनन अपने दिल से गढ़-गढ़ के कहते हैं कि खुदा औलाद वाला है |
/content/ayah/audio/hudhaify/037151.mp3
|
أَلَا إِنَّهُم مِّنْ إِفْكِهِمْ لَيَقُولُونَ |
152 |
और ये लोग यक़ीनी झूठे हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/037152.mp3
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وَلَدَ اللَّهُ وَإِنَّهُمْ لَكَاذِبُونَ |
153 |
क्या खुदा ने (अपने लिए) बेटियों को बेटों पर तरजीह दी है |
/content/ayah/audio/hudhaify/037153.mp3
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أَصْطَفَى الْبَنَاتِ عَلَى الْبَنِينَ |
154 |
(अरे कम्बख्तों) तुम्हें क्या जुनून हो गया है तुम लोग (बैठे-बैठे) कैसा फैसला करते हो |
/content/ayah/audio/hudhaify/037154.mp3
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مَا لَكُمْ كَيْفَ تَحْكُمُونَ |
155 |
तो क्या तुम (इतना भी) ग़ौर नहीं करते |
/content/ayah/audio/hudhaify/037155.mp3
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أَفَلَا تَذَكَّرُونَ |
156 |
या तुम्हारे पास (इसकी) कोई वाज़ेए व रौशन दलील है |
/content/ayah/audio/hudhaify/037156.mp3
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أَمْ لَكُمْ سُلْطَانٌ مُّبِينٌ |
157 |
तो अगर तुम (अपने दावे में) सच्चे हो तो अपनी किताब पेश करो |
/content/ayah/audio/hudhaify/037157.mp3
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فَأْتُوا بِكِتَابِكُمْ إِن كُنتُمْ صَادِقِينَ |
158 |
और उन लोगों ने खुदा और जिन्नात के दरमियान रिश्ता नाता मुक़र्रर किया है हालाँकि जिन्नात बखूबी जानते हैं कि वह लोग यक़ीनी (क़यामत में बन्दों की तरह) हाज़िर किए जाएँगे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037158.mp3
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وَجَعَلُوا بَيْنَهُ وَبَيْنَ الْجِنَّةِ نَسَبًا وَلَقَدْ عَلِمَتِ الْجِنَّةُ إِنَّهُمْ لَمُحْضَرُونَ |
159 |
ये लोग जो बातें बनाया करते हैं इनसे खुदा पाक साफ़ है |
/content/ayah/audio/hudhaify/037159.mp3
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سُبْحَانَ اللَّهِ عَمَّا يَصِفُونَ |
160 |
मगर खुदा के निरे खरे बन्दे (ऐसा नहीं कहते) |
/content/ayah/audio/hudhaify/037160.mp3
|
إِلَّا عِبَادَ اللَّهِ الْمُخْلَصِينَ |
161 |
ग़रज़ तुम लोग खुद और तुम्हारे माबूद |
/content/ayah/audio/hudhaify/037161.mp3
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فَإِنَّكُمْ وَمَا تَعْبُدُونَ |
162 |
उसके ख़िलाफ (किसी को) बहका नहीं सकते |
/content/ayah/audio/hudhaify/037162.mp3
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مَا أَنتُمْ عَلَيْهِ بِفَاتِنِينَ |
163 |
मगर उसको जो जहन्नुम में झोंका जाने वाला है |
/content/ayah/audio/hudhaify/037163.mp3
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إِلَّا مَنْ هُوَ صَالِ الْجَحِيمِ |
164 |
और फरिश्ते या आइम्मा तो ये कहते हैं कि मैं हर एक का एक दरजा मुक़र्रर है |
/content/ayah/audio/hudhaify/037164.mp3
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وَمَا مِنَّا إِلَّا لَهُ مَقَامٌ مَّعْلُومٌ |
165 |
और हम तो यक़ीनन (उसकी इबादत के लिए) सफ बाँधे खड़े रहते हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/037165.mp3
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وَإِنَّا لَنَحْنُ الصَّافُّونَ |
166 |
और हम तो यक़ीनी (उसकी) तस्बीह पढ़ा करते हैं |
/content/ayah/audio/hudhaify/037166.mp3
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وَإِنَّا لَنَحْنُ الْمُسَبِّحُونَ |
167 |
अगरचे ये कुफ्फार (इस्लाम के क़ब्ल) कहा करते थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/037167.mp3
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وَإِنْ كَانُوا لَيَقُولُونَ |
168 |
कि अगर हमारे पास भी अगले लोगों का तज़किरा (किसी किताबे खुदा में) होता |
/content/ayah/audio/hudhaify/037168.mp3
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لَوْ أَنَّ عِندَنَا ذِكْرًا مِّنْ الْأَوَّلِينَ |
169 |
तो हम भी खुदा के निरे खरे बन्दे ज़रूर हो जाते |
/content/ayah/audio/hudhaify/037169.mp3
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لَكُنَّا عِبَادَ اللَّهِ الْمُخْلَصِينَ |
170 |
(मगर जब किताब आयी) तो उन लोगों ने उससे इन्कार किया ख़ैर अनक़रीब (उसका नतीजा) उन्हें मालूम हो जाएगा |
/content/ayah/audio/hudhaify/037170.mp3
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فَكَفَرُوا بِهِ فَسَوْفَ يَعْلَمُونَ |
171 |
और अपने ख़ास बन्दों पैग़म्बरों से हमारी बात पक्की हो चुकी है |
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وَلَقَدْ سَبَقَتْ كَلِمَتُنَا لِعِبَادِنَا الْمُرْسَلِينَ |
172 |
कि इन लोगों की (हमारी बारगाह से) यक़ीनी मदद की जाएगी |
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إِنَّهُمْ لَهُمُ الْمَنصُورُونَ |
173 |
और हमारा लश्कर तो यक़ीनन ग़ालिब रहेगा |
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وَإِنَّ جُندَنَا لَهُمُ الْغَالِبُونَ |
174 |
तो (ऐ रसूल) तुम उनसे एक ख़ास वक्त तक मुँह फेरे रहो |
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فَتَوَلَّ عَنْهُمْ حَتَّى حِينٍ |
175 |
और इनको देखते रहो तो ये लोग अनक़रीब ही (अपना नतीजा) देख लेगे |
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وَأَبْصِرْهُمْ فَسَوْفَ يُبْصِرُونَ |
176 |
तो क्या ये लोग हमारे अज़ाब की जल्दी कर रहे हैं |
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أَفَبِعَذَابِنَا يَسْتَعْجِلُونَ |
177 |
फिर जब (अज़ाब) उनकी अंगनाई में उतर पडेग़ा तो जो लोग डराए जा चुके हैं उनकी भी क्या बुरी सुबह होगी |
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فَإِذَا نَزَلَ بِسَاحَتِهِمْ فَسَاء صَبَاحُ الْمُنذَرِينَ |
178 |
और उन लोगों से एक ख़ास वक्त तक मुँह फेरे रहो |
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وَتَوَلَّ عَنْهُمْ حَتَّى حِينٍ |
179 |
और देखते रहो ये लोग तो खुद अनक़रीब ही अपना अन्जाम देख लेगें |
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وَأَبْصِرْ فَسَوْفَ يُبْصِرُونَ |
180 |
ये लोग जो बातें (खुदा के बारे में) बनाया करते हैं उनसे तुम्हारा परवरदिगार इज्ज़त का मालिक पाक साफ है |
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سُبْحَانَ رَبِّكَ رَبِّ الْعِزَّةِ عَمَّا يَصِفُونَ |
181 |
और पैग़म्बरों पर (दुरूद) सलाम हो |
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وَسَلَامٌ عَلَى الْمُرْسَلِينَ |
182 |
और कुल तारीफ खुदा ही के लिए सज़ावार हैं जो सारे जहाँन का पालने वाला है |
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وَالْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ |