At-Takathur

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Hindi: Muhammad Farooq Khan and Muhammad Ahmed

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# Translation Ayah
1 तुम्हें एक-दूसरे के मुक़ाबले में बहुतायत के प्रदर्शन और घमंड ने ग़फ़़लत में डाल रखा है, أَلْهَاكُمُ التَّكَاثُرُ
2 यहाँ तक कि तुम क़ब्रिस्तानों में पहुँच गए حَتَّى زُرْتُمُ الْمَقَابِرَ
3 कुछ नहीं, तुम शीघ्र ही जान लोगे كَلَّا سَوْفَ تَعْلَمُونَ
4 फिर, कुछ नहीं, तुम्हें शीघ्र ही मालूम हो जाएगा - ثُمَّ كَلَّا سَوْفَ تَعْلَمُونَ
5 कुछ नहीं, अगर तुम विश्वसनीय ज्ञान के रूप में जान लो! (तो तुम धन-दौलत के पुजारी न बनो) - كَلَّا لَوْ تَعْلَمُونَ عِلْمَ الْيَقِينِ
6 अवश्य ही तुम भड़कती आग से दो-चार होगे لَتَرَوُنَّ الْجَحِيمَ
7 फिर सुनो, उसे अवश्य देखोगे इस दशा में कि वह यथावत विश्वास होगा ثُمَّ لَتَرَوُنَّهَا عَيْنَ الْيَقِينِ
8 फिर निश्चय ही उस दिन तुमसे नेमतों के बारे में पूछा जाएगा ثُمَّ لَتُسْأَلُنَّ يَوْمَئِذٍ عَنِ النَّعِيمِ
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