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तुम्हें एक-दूसरे के मुक़ाबले में बहुतायत के प्रदर्शन और घमंड ने ग़फ़़लत में डाल रखा है, |
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أَلْهَاكُمُ التَّكَاثُرُ |
2 |
यहाँ तक कि तुम क़ब्रिस्तानों में पहुँच गए |
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حَتَّى زُرْتُمُ الْمَقَابِرَ |
3 |
कुछ नहीं, तुम शीघ्र ही जान लोगे |
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كَلَّا سَوْفَ تَعْلَمُونَ |
4 |
फिर, कुछ नहीं, तुम्हें शीघ्र ही मालूम हो जाएगा - |
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ثُمَّ كَلَّا سَوْفَ تَعْلَمُونَ |
5 |
कुछ नहीं, अगर तुम विश्वसनीय ज्ञान के रूप में जान लो! (तो तुम धन-दौलत के पुजारी न बनो) - |
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كَلَّا لَوْ تَعْلَمُونَ عِلْمَ الْيَقِينِ |
6 |
अवश्य ही तुम भड़कती आग से दो-चार होगे |
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لَتَرَوُنَّ الْجَحِيمَ |
7 |
फिर सुनो, उसे अवश्य देखोगे इस दशा में कि वह यथावत विश्वास होगा |
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ثُمَّ لَتَرَوُنَّهَا عَيْنَ الْيَقِينِ |
8 |
फिर निश्चय ही उस दिन तुमसे नेमतों के बारे में पूछा जाएगा |
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ثُمَّ لَتُسْأَلُنَّ يَوْمَئِذٍ عَنِ النَّعِيمِ |