Al-Adiyat

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Hindi: Muhammad Farooq Khan and Muhammad Ahmed

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# Translation Ayah
1 साक्षी है जो हाँफते-फुँकार मारते हुए दौड़ते है, وَالْعَادِيَاتِ ضَبْحًا
2 फिर ठोकरों से चिनगारियाँ निकालते है, فَالْمُورِيَاتِ قَدْحًا
3 फिर सुबह सवेरे धावा मारते होते है, فَالْمُغِيرَاتِ صُبْحًا
4 उसमें उठाया उन्होंने गर्द-गुबार فَأَثَرْنَ بِهِ نَقْعًا
5 और इसी हाल में वे दल में जा घुसे فَوَسَطْنَ بِهِ جَمْعًا
6 निस्संदेह मनुष्य अपने रब का बड़ा अकृतज्ञ हैं, إِنَّ الْإِنسَانَ لِرَبِّهِ لَكَنُودٌ
7 और निश्चय ही वह स्वयं इसपर गवाह है! وَإِنَّهُ عَلَى ذَلِكَ لَشَهِيدٌ
8 और निश्चय ही वह धन के मोह में बड़ा दृढ़ है وَإِنَّهُ لِحُبِّ الْخَيْرِ لَشَدِيدٌ
9 तो क्या वह जानता नहीं जब उगवला लिया जाएगा तो क़ब्रों में है أَفَلَا يَعْلَمُ إِذَا بُعْثِرَ مَا فِي الْقُبُورِ
10 और स्पष्ट अनावृत्त कर दिया जाएगा तो कुछ सीनों में है وَحُصِّلَ مَا فِي الصُّدُورِ
11 निस्संदेह उनका रब उस दिन उनकी पूरी ख़बर रखता होगा إِنَّ رَبَّهُم بِهِمْ يَوْمَئِذٍ لَّخَبِيرٌ
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