1 |
ता॰ सीन॰ मीम॰ |
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طسم |
2 |
ये स्पष्ट किताब की आयतें है |
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تِلْكَ آيَاتُ الْكِتَابِ الْمُبِينِ |
3 |
शायद इसपर कि वे ईमान नहीं लाते, तुम अपने प्राण ही खो बैठोगे |
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لَعَلَّكَ بَاخِعٌ نَّفْسَكَ أَلَّا يَكُونُوا مُؤْمِنِينَ |
4 |
यदि हम चाहें तो उनपर आकाश से एक निशानी उतार दें। फिर उनकी गर्दनें उसके आगे झुकी रह जाएँ |
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إِن نَّشَأْ نُنَزِّلْ عَلَيْهِم مِّن السَّمَاء آيَةً فَظَلَّتْ أَعْنَاقُهُمْ لَهَا خَاضِعِينَ |
5 |
उनके पास रहमान की ओर से जो नवीन अनुस्मृति भी आती है, वे उससे मुँह फेर ही लेते है |
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وَمَا يَأْتِيهِم مِّن ذِكْرٍ مِّنَ الرَّحْمَنِ مُحْدَثٍ إِلَّا كَانُوا عَنْهُ مُعْرِضِينَ |
6 |
अब जबकि वे झुठला चुके है, तो शीघ्र ही उन्हें उसकी हक़ीकत मालूम हो जाएगी, जिसका वे मज़ाक़ उड़ाते रहे है |
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فَقَدْ كَذَّبُوا فَسَيَأْتِيهِمْ أَنبَاء مَا كَانُوا بِهِ يَسْتَهْزِئُون |
7 |
क्या उन्होंने धरती को नहीं देखा कि हमने उसमें कितने ही प्रकार की उमदा चीज़ें पैदा की है? |
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أَوَلَمْ يَرَوْا إِلَى الْأَرْضِ كَمْ أَنبَتْنَا فِيهَا مِن كُلِّ زَوْجٍ كَرِيمٍ |
8 |
निश्चय ही इसमें एक बड़ी निशानी है, इसपर भी उनमें से अधिकतर माननेवाले नहीं |
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إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُم مُّؤْمِنِينَ |
9 |
और निश्चय ही तुम्हारा रब ही है जो बड़ा प्रभुत्वशाली, अत्यन्त दयावान है |
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وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ |
10 |
और जबकि तुम्हारे रह ने मूसा को पुकारा कि "ज़ालिम लोगों के पास जा - |
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وَإِذْ نَادَى رَبُّكَ مُوسَى أَنِ ائْتِ الْقَوْمَ الظَّالِمِينَ |
11 |
फ़िरऔन की क़ौम के पास - क्या वे डर नहीं रखते?" |
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قَوْمَ فِرْعَوْنَ أَلَا يَتَّقُونَ |
12 |
उसने कहा, "ऐ मेरे रब! मुझे डर है कि वे मुझे झुठला देंगे, |
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قَالَ رَبِّ إِنِّي أَخَافُ أَن يُكَذِّبُونِ |
13 |
और मेरा सीना घुटता है और मेरी ज़बान नहीं चलती। इसलिए हारून की ओर भी संदेश भेज दे |
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وَيَضِيقُ صَدْرِي وَلَا يَنطَلِقُ لِسَانِي فَأَرْسِلْ إِلَى هَارُونَ |
14 |
और मुझपर उनके यहाँ के एक गुनाह का बोझ भी है। इसलिए मैं डरता हूँ कि वे मुझे मार डालेंगे।" |
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وَلَهُمْ عَلَيَّ ذَنبٌ فَأَخَافُ أَن يَقْتُلُونِ |
15 |
कहा, "कदापि नहीं, तुम दोनों हमारी निशानियाँ लेकर जाओ। हम तुम्हारे साथ है, सुनने को मौजूद है |
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قَالَ كَلَّا فَاذْهَبَا بِآيَاتِنَا إِنَّا مَعَكُم مُّسْتَمِعُونَ |
16 |
अतः तुम दोनो फ़िरऔन को पास जाओ और कहो कि हम सारे संसार के रब के भेजे हुए है |
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فَأْتِيَا فِرْعَوْنَ فَقُولَا إِنَّا رَسُولُ رَبِّ الْعَالَمِينَ |
17 |
कि तू इसराईल की सन्तान को हमारे साथ जाने दे।" |
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أَنْ أَرْسِلْ مَعَنَا بَنِي إِسْرَائِيلَ |
18 |
(फ़िरऔन ने) कहा, "क्या हमने तुझे जबकि तू बच्चा था, अपने यहाँ पाला नहीं था? और तू अपनी अवस्था के कई वर्षों तक हमारे साथ रहा, |
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قَالَ أَلَمْ نُرَبِّكَ فِينَا وَلِيدًا وَلَبِثْتَ فِينَا مِنْ عُمُرِكَ سِنِينَ |
19 |
और तूने अपना वह काम किया, जो किया। तू बड़ा ही कृतघ्न है।" |
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وَفَعَلْتَ فَعْلَتَكَ الَّتِي فَعَلْتَ وَأَنتَ مِنَ الْكَافِرِينَ |
20 |
कहा, ऐसा तो मुझसे उस समय हुआ जबकि मैं चूक गया था |
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قَالَ فَعَلْتُهَا إِذًا وَأَنَا مِنَ الضَّالِّينَ |
21 |
फिर जब मुझे तुम्हारा भय हुआ तो मैं तुम्हारे यहाँ से भाग गया। फिर मेरे रब ने मुझे निर्णय-शक्ति प्रदान की और मुझे रसूलों में सम्मिलित किया |
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فَفَرَرْتُ مِنكُمْ لَمَّا خِفْتُكُمْ فَوَهَبَ لِي رَبِّي حُكْمًا وَجَعَلَنِي مِنَ الْمُرْسَلِينَ |
22 |
यही वह उदार अनुग्रह है जिसका रहमान तू मुझपर जताता है कि तूने इसराईल की सन्तान को ग़ुलाम बना रखा है।" |
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وَتِلْكَ نِعْمَةٌ تَمُنُّهَا عَلَيَّ أَنْ عَبَّدتَّ بَنِي إِسْرَائِيلَ |
23 |
फ़िरऔन ने कहा, "और यह सारे संसार का रब क्या होता है?" |
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قَالَ فِرْعَوْنُ وَمَا رَبُّ الْعَالَمِينَ |
24 |
उसने कहा, "आकाशों और धरती का रब और जो कुछ इन दोनों का मध्य है उसका भी, यदि तुम्हें यकीन हो।" |
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قَالَ رَبُّ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَمَا بَيْنَهُمَا إن كُنتُم مُّوقِنِينَ |
25 |
उसने अपने आस-पासवालों से कहा, "क्या तुम सुनते नहीं हो?" |
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قَالَ لِمَنْ حَوْلَهُ أَلَا تَسْتَمِعُونَ |
26 |
कहा, "तुम्हारा रब और तुम्हारे अगले बाप-दादा का रब।" |
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قَالَ رَبُّكُمْ وَرَبُّ آبَائِكُمُ الْأَوَّلِينَ |
27 |
बोला, "निश्चय ही तुम्हारा यह रसूल, जो तुम्हारी ओर भेजा गया है, बिलकुल ही पागल है।" |
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قَالَ إِنَّ رَسُولَكُمُ الَّذِي أُرْسِلَ إِلَيْكُمْ لَمَجْنُونٌ |
28 |
उसने कहा, "पूर्व और पश्चिम का रब और जो कुछ उनके बीच है उसका भी, यदि तुम कुछ बुद्धि रखते हो।" |
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قَالَ رَبُّ الْمَشْرِقِ وَالْمَغْرِبِ وَمَا بَيْنَهُمَا إِن كُنتُمْ تَعْقِلُونَ |
29 |
बोला, "यदि तूने मेरे सिवा किसी और को पूज्य एवं प्रभु बनाया, तो मैं तुझे बन्दी बनाकर रहूँगा।" |
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قَالَ لَئِنِ اتَّخَذْتَ إِلَهًا غَيْرِي لَأَجْعَلَنَّكَ مِنَ الْمَسْجُونِينَ |
30 |
उसने कहा, "क्या यदि मैं तेरे पास एक स्पष्ट चीज़ ले आऊँ तब भी?" |
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قَالَ أَوَلَوْ جِئْتُكَ بِشَيْءٍ مُّبِينٍ |
31 |
बोलाः “अच्छा वह ले आ; यदि तू सच्चा है” । |
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قَالَ فَأْتِ بِهِ إِن كُنتَ مِنَ الصَّادِقِينَ |
32 |
फिर उसने अपनी लाठी डाल दी, तो अचानक क्या देखते है कि वह एक प्रत्यक्ष अज़गर है |
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فَأَلْقَى عَصَاهُ فَإِذَا هِيَ ثُعْبَانٌ مُّبِينٌ |
33 |
और उसने अपना हाथ बाहर खींचा तो फिर क्या देखते है कि वह देखनेवालों के सामने चमक रहा है |
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وَنَزَعَ يَدَهُ فَإِذَا هِيَ بَيْضَاء لِلنَّاظِرِينَ |
34 |
उसने अपने आस-पास के सरदारों से कहा, "निश्चय ही यह एक बड़ा ही प्रवीण जादूगर है |
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قَالَ لِلْمَلَإِ حَوْلَهُ إِنَّ هَذَا لَسَاحِرٌ عَلِيمٌ |
35 |
चाहता है कि अपने जादू से तुम्हें तुम्हारी अपनी भूमि से निकाल बाहर करें; तो अब तुम क्या कहते हो?" |
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يُرِيدُ أَن يُخْرِجَكُم مِّنْ أَرْضِكُم بِسِحْرِهِ فَمَاذَا تَأْمُرُونَ |
36 |
उन्होंने कहा, "इसे और इसके भाई को अभी टाले रखिए, और एकत्र करनेवालों को नगरों में भेज दीजिए |
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قَالُوا أَرْجِهِ وَأَخَاهُ وَابْعَثْ فِي الْمَدَائِنِ حَاشِرِينَ |
37 |
कि वे प्रत्येक प्रवीण जादूगर को आपके पास ले आएँ।" |
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يَأْتُوكَ بِكُلِّ سَحَّارٍ عَلِيمٍ |
38 |
अतएव एक निश्चित दिन के नियत समय पर जादूगर एकत्र कर लिए गए |
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فَجُمِعَ السَّحَرَةُ لِمِيقَاتِ يَوْمٍ مَّعْلُومٍ |
39 |
और लोगों से कहा गया, "क्या तुम भी एकत्र होते हो?" |
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وَقِيلَ لِلنَّاسِ هَلْ أَنتُم مُّجْتَمِعُونَ |
40 |
कदाचित हम जादूगरों ही के अनुयायी रह जाएँ, यदि वे विजयी हुए |
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لَعَلَّنَا نَتَّبِعُ السَّحَرَةَ إِن كَانُوا هُمُ الْغَالِبِينَ |
41 |
फिर जब जादूगर आए तो उन्होंने फ़िरऔन से कहा, "क्या हमारे लिए कोई प्रतिदान भी है, यदि हम प्रभावी रहे?" |
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فَلَمَّا جَاء السَّحَرَةُ قَالُوا لِفِرْعَوْنَ أَئِنَّ لَنَا لَأَجْرًا إِن كُنَّا نَحْنُ الْغَالِبِينَ |
42 |
उसने कहा, "हाँ, और निश्चित ही तुम तो उस समय निकटतम लोगों में से हो जाओगे।" |
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قَالَ نَعَمْ وَإِنَّكُمْ إِذًا لَّمِنَ الْمُقَرَّبِينَ |
43 |
मूसा ने उनसे कहा, "डालो, जो कुछ तुम्हें डालना है।" |
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قَالَ لَهُم مُّوسَى أَلْقُوا مَا أَنتُم مُّلْقُونَ |
44 |
तब उन्होंने अपनी रस्सियाँ और लाठियाँ डाल दी और बोले, "फ़िरऔन के प्रताप से हम ही विजयी रहेंगे।" |
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فَأَلْقَوْا حِبَالَهُمْ وَعِصِيَّهُمْ وَقَالُوا بِعِزَّةِ فِرْعَوْنَ إِنَّا لَنَحْنُ الْغَالِبُونَ |
45 |
फिर मूसा ने अपनी लाठी फेकी तो क्या देखते है कि वह उसे स्वाँग को, जो वे रचाते है, निगलती जा रही है |
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فَأَلْقَى مُوسَى عَصَاهُ فَإِذَا هِيَ تَلْقَفُ مَا يَأْفِكُونَ |
46 |
इसपर जादूगर सजदे में गिर पड़े |
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فَأُلْقِيَ السَّحَرَةُ سَاجِدِينَ |
47 |
वे बोल उठे, "हम सारे संसार के रब पर ईमान ले आए - |
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قَالُوا آمَنَّا بِرَبِّ الْعَالَمِينَ |
48 |
मूसा और हारून के रब पर!" |
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رَبِّ مُوسَى وَهَارُونَ |
49 |
उसने कहा, "तुमने उसको मान लिया, इससे पहले कि मैं तुम्हें अनुमति देता। निश्चय ही वह तुम सबका प्रमुख है, जिसने तुमको जादू सिखाया है। अच्छा, शीघ्र ही तुम्हें मालूम हुआ जाता है! मैं तुम्हारे हाथ और पाँव विपरीत दिशाओं से कटवा दूँगा और तुम सभी को सूली पर चढ़ा दूँगा।" |
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قَالَ آمَنتُمْ لَهُ قَبْلَ أَنْ آذَنَ لَكُمْ إِنَّهُ لَكَبِيرُكُمُ الَّذِي عَلَّمَكُمُ السِّحْرَ فَلَسَوْفَ تَعْلَمُونَ لَأُقَطِّعَنَّ أَيْدِيَكُمْ وَأَرْجُلَكُم مِّنْ خِلَافٍ وَلَأُصَلِّبَنَّكُمْ أَجْمَعِينَ |
50 |
उन्होंने कहा, "कुछ हरज नहीं; हम तो अपने रब ही की ओर पलटकर जानेवाले है |
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قَالُوا لَا ضَيْرَ إِنَّا إِلَى رَبِّنَا مُنقَلِبُونَ |
51 |
हमें तो इसी की लालसा है कि हमारा रब हमारी ख़ताओं को क्षमा कर दें, क्योंकि हम सबसे पहले ईमान लाए।" |
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إِنَّا نَطْمَعُ أَن يَغْفِرَ لَنَا رَبُّنَا خَطَايَانَا أَن كُنَّا أَوَّلَ الْمُؤْمِنِينَ |
52 |
हमने मूसा की ओर प्रकाशना की, "मेरे बन्दों को लेकर रातों-रात निकल जा। निश्चय ही तुम्हारा पीछा किया जाएगा।" |
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وَأَوْحَيْنَا إِلَى مُوسَى أَنْ أَسْرِ بِعِبَادِي إِنَّكُم مُّتَّبَعُونَ |
53 |
इसपर फ़िरऔन ने एकत्र करनेवालों को नगर में भेजा |
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فَأَرْسَلَ فِرْعَوْنُ فِي الْمَدَائِنِ حَاشِرِينَ |
54 |
कि "यह गिरे-पड़े थोड़े लोगों का एक गिरोह है, |
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إِنَّ هَؤُلَاء لَشِرْذِمَةٌ قَلِيلُونَ |
55 |
और ये हमें क्रुद्ध कर रहे है। |
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وَإِنَّهُمْ لَنَا لَغَائِظُونَ |
56 |
और हम चौकन्ना रहनेवाले लोग है।" |
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وَإِنَّا لَجَمِيعٌ حَاذِرُونَ |
57 |
इस प्रकार हम उन्हें बाग़ों और स्रोतों |
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فَأَخْرَجْنَاهُم مِّن جَنَّاتٍ وَعُيُونٍ |
58 |
और ख़जानों और अच्छे स्थान से निकाल लाए |
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وَكُنُوزٍ وَمَقَامٍ كَرِيمٍ |
59 |
ऐसा ही हम करते है और इनका वारिस हमने इसराईल की सन्तान को बना दिया |
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كَذَلِكَ وَأَوْرَثْنَاهَا بَنِي إِسْرَائِيلَ |
60 |
सुबह-तड़के उन्होंने उनका पीछा किया |
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فَأَتْبَعُوهُم مُّشْرِقِينَ |
61 |
फिर जब दोनों गिरोहों ने एक-दूसरे को देख लिया तो मूसा के साथियों ने कहा, "हम तो पकड़े गए!" |
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فَلَمَّا تَرَاءى الْجَمْعَانِ قَالَ أَصْحَابُ مُوسَى إِنَّا لَمُدْرَكُونَ |
62 |
उसने कहा, "कदापि नहीं, मेरे साथ मेरा रब है। वह अवश्य मेरा मार्गदर्शन करेगा।" |
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قَالَ كَلَّا إِنَّ مَعِيَ رَبِّي سَيَهْدِينِ |
63 |
तब हमने मूसा की ओर प्रकाशना की, "अपनी लाठी सागर पर मार।" |
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فَأَوْحَيْنَا إِلَى مُوسَى أَنِ اضْرِب بِّعَصَاكَ الْبَحْرَ فَانفَلَقَ فَكَانَ كُلُّ فِرْقٍ كَالطَّوْدِ الْعَظِيمِ |
64 |
और हम दूसरों को भी निकट ले आए |
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وَأَزْلَفْنَا ثَمَّ الْآخَرِينَ |
65 |
हमने मूसा को और उन सबको जो उसके साथ थे, बचा लिया |
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وَأَنجَيْنَا مُوسَى وَمَن مَّعَهُ أَجْمَعِينَ |
66 |
और दूसरों को डूबो दिया |
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ثُمَّ أَغْرَقْنَا الْآخَرِينَ |
67 |
निस्संदेह इसमें एक बड़ी निशानी है। इसपर भी उनमें से अधिकतर माननेवाले नहीं |
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إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُم مُّؤْمِنِينَ |
68 |
और निश्चय ही तुम्हारा रब ही है जो बड़ा प्रभुत्वशाली, अत्यन्त दयावान है |
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وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ |
69 |
और उन्हें इबराहीम का वृत्तान्त सुनाओ, |
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وَاتْلُ عَلَيْهِمْ نَبَأَ إِبْرَاهِيمَ |
70 |
जबकि उसने अपने बाप और अपनी क़ौंम के लोगों से कहा, "तुम क्या पूजते हो?" |
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إِذْ قَالَ لِأَبِيهِ وَقَوْمِهِ مَا تَعْبُدُونَ |
71 |
उन्होंने कहा, "हम बुतों की पूजा करते है, हम तो उन्हीं की सेवा में लगे रहेंगे।" |
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قَالُوا نَعْبُدُ أَصْنَامًا فَنَظَلُّ لَهَا عَاكِفِينَ |
72 |
उसने कहा, "क्या ये तुम्हारी सुनते है, जब तुम पुकारते हो, |
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قَالَ هَلْ يَسْمَعُونَكُمْ إِذْ تَدْعُونَ |
73 |
या ये तुम्हें कुछ लाभ या हानि पहुँचाते है?" |
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أَوْ يَنفَعُونَكُمْ أَوْ يَضُرُّونَ |
74 |
उन्होंने कहा, "नहीं, बल्कि हमने तो अपने बाप-दादा को ऐसा ही करते पाया है।" |
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قَالُوا بَلْ وَجَدْنَا آبَاءنَا كَذَلِكَ يَفْعَلُونَ |
75 |
उसने कहा, "क्या तुमने उनपर विचार भी किया कि जिन्हें तुम पूजते हो, |
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قَالَ أَفَرَأَيْتُم مَّا كُنتُمْ تَعْبُدُونَ |
76 |
तुम और तुम्हारे पहले के बाप-दादा? |
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أَنتُمْ وَآبَاؤُكُمُ الْأَقْدَمُونَ |
77 |
वे सब तो मेरे शत्रु है, सिवाय सारे संसार के रब के, |
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فَإِنَّهُمْ عَدُوٌّ لِّي إِلَّا رَبَّ الْعَالَمِينَ |
78 |
जिसने मुझे पैदा किया और फिर वही मेरा मार्गदर्शन करता है |
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الَّذِي خَلَقَنِي فَهُوَ يَهْدِينِ |
79 |
और वही है जो मुझे खिलाता और पिलाता है |
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وَالَّذِي هُوَ يُطْعِمُنِي وَيَسْقِينِ |
80 |
और जब मैं बीमार होता हूँ, तो वही मुझे अच्छा करता है |
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وَإِذَا مَرِضْتُ فَهُوَ يَشْفِينِ |
81 |
और वही है जो मुझे मारेगा, फिर मुझे जीवित करेगा |
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وَالَّذِي يُمِيتُنِي ثُمَّ يُحْيِينِ |
82 |
और वही है जिससे मुझे इसकी आकांक्षा है कि बदला दिए जाने के दिन वह मेरी ख़ता माफ़ कर देगा |
/content/ayah/audio/hudhaify/026082.mp3
|
وَالَّذِي أَطْمَعُ أَن يَغْفِرَ لِي خَطِيئَتِي يَوْمَ الدِّينِ |
83 |
ऐ मेरे रब! मुझे निर्णय-शक्ति प्रदान कर और मुझे योग्य लोगों के साथ मिला। |
/content/ayah/audio/hudhaify/026083.mp3
|
رَبِّ هَبْ لِي حُكْمًا وَأَلْحِقْنِي بِالصَّالِحِينَ |
84 |
और बाद के आनेवालों में से मुझे सच्ची ख़्याति प्रदान कर |
/content/ayah/audio/hudhaify/026084.mp3
|
وَاجْعَل لِّي لِسَانَ صِدْقٍ فِي الْآخِرِينَ |
85 |
और मुझे नेमत भरी जन्नत के वारिसों में सम्मिलित कर |
/content/ayah/audio/hudhaify/026085.mp3
|
وَاجْعَلْنِي مِن وَرَثَةِ جَنَّةِ النَّعِيمِ |
86 |
और मेरे बाप को क्षमा कर दे। निश्चय ही वह पथभ्रष्ट लोगों में से है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026086.mp3
|
وَاغْفِرْ لِأَبِي إِنَّهُ كَانَ مِنَ الضَّالِّينَ |
87 |
और मुझे उस दिन रुसवा न कर, जब लोग जीवित करके उठाए जाएँगे। |
/content/ayah/audio/hudhaify/026087.mp3
|
وَلَا تُخْزِنِي يَوْمَ يُبْعَثُونَ |
88 |
जिस दिन न माल काम आएगा और न औलाद, |
/content/ayah/audio/hudhaify/026088.mp3
|
يَوْمَ لَا يَنفَعُ مَالٌ وَلَا بَنُونَ |
89 |
सिवाय इसके कि कोई भला-चंगा दिल लिए हुए अल्लाह के पास आया हो।" |
/content/ayah/audio/hudhaify/026089.mp3
|
إِلَّا مَنْ أَتَى اللَّهَ بِقَلْبٍ سَلِيمٍ |
90 |
और डर रखनेवालों के लिए जन्नत निकट लाई जाएगी |
/content/ayah/audio/hudhaify/026090.mp3
|
وَأُزْلِفَتِ الْجَنَّةُ لِلْمُتَّقِينَ |
91 |
और भडकती आग पथभ्रष्टि लोगों के लिए प्रकट कर दी जाएगी |
/content/ayah/audio/hudhaify/026091.mp3
|
وَبُرِّزَتِ الْجَحِيمُ لِلْغَاوِينَ |
92 |
और उनसे कहा जाएगा, "कहाँ है वे जिन्हें तुम अल्लाह को छोड़कर पूजते रहे हो? |
/content/ayah/audio/hudhaify/026092.mp3
|
وَقِيلَ لَهُمْ أَيْنَ مَا كُنتُمْ تَعْبُدُونَ |
93 |
क्या वे तुम्हारी कुछ सहायता कर रहे है या अपना ही बचाव कर सकते है?" |
/content/ayah/audio/hudhaify/026093.mp3
|
مِن دُونِ اللَّهِ هَلْ يَنصُرُونَكُمْ أَوْ يَنتَصِرُونَ |
94 |
फिर वे उसमें औंधे झोक दिए जाएँगे, वे और बहके हुए लोग |
/content/ayah/audio/hudhaify/026094.mp3
|
فَكُبْكِبُوا فِيهَا هُمْ وَالْغَاوُونَ |
95 |
और इबलीस की सेनाएँ, सबके सब। |
/content/ayah/audio/hudhaify/026095.mp3
|
وَجُنُودُ إِبْلِيسَ أَجْمَعُونَ |
96 |
वे वहाँ आपस में झगड़ते हुए कहेंगे, |
/content/ayah/audio/hudhaify/026096.mp3
|
قَالُوا وَهُمْ فِيهَا يَخْتَصِمُونَ |
97 |
"अल्लाह की क़सम! निश्चय ही हम खुली गुमराही में थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026097.mp3
|
تَاللَّهِ إِن كُنَّا لَفِي ضَلَالٍ مُّبِينٍ |
98 |
जबकि हम तुम्हें सारे संसार के रब के बराबर ठहरा रहे थे |
/content/ayah/audio/hudhaify/026098.mp3
|
إِذْ نُسَوِّيكُم بِرَبِّ الْعَالَمِينَ |
99 |
और हमें तो बस उन अपराधियों ने ही पथभ्रष्ट किया |
/content/ayah/audio/hudhaify/026099.mp3
|
وَمَا أَضَلَّنَا إِلَّا الْمُجْرِمُونَ |
100 |
अब न हमारा कोई सिफ़ारिशी है, |
/content/ayah/audio/hudhaify/026100.mp3
|
فَمَا لَنَا مِن شَافِعِينَ |
101 |
और न घनिष्ट मित्र |
/content/ayah/audio/hudhaify/026101.mp3
|
وَلَا صَدِيقٍ حَمِيمٍ |
102 |
क्या ही अच्छा होता कि हमें एक बार फिर पलटना होता, तो हम मोमिनों में से हो जाते!" |
/content/ayah/audio/hudhaify/026102.mp3
|
فَلَوْ أَنَّ لَنَا كَرَّةً فَنَكُونَ مِنَ الْمُؤْمِنِينَ |
103 |
निश्चय ही इसमें एक बड़ी निशानी है। इसपर भी उनमें से अधिकरतर माननेवाले नहीं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026103.mp3
|
إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُم مُّؤْمِنِينَ |
104 |
और निस्संदेह तुम्हारा रब ही है जो बड़ा प्रभुत्वशाली, अत्यन्त दयावान है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026104.mp3
|
وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ |
105 |
नूह की क़ौम ने रसूलों को झुठलाया; |
/content/ayah/audio/hudhaify/026105.mp3
|
كَذَّبَتْ قَوْمُ نُوحٍ الْمُرْسَلِينَ |
106 |
जबकि उनसे उनके भाई नूह ने कहा, "क्या तुम डर नहीं रखते? |
/content/ayah/audio/hudhaify/026106.mp3
|
إِذْ قَالَ لَهُمْ أَخُوهُمْ نُوحٌ أَلَا تَتَّقُونَ |
107 |
निस्संदेह मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ |
/content/ayah/audio/hudhaify/026107.mp3
|
إِنِّي لَكُمْ رَسُولٌ أَمِينٌ |
108 |
अतः अल्लाह का डर रखो और मेरा कहा मानो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026108.mp3
|
فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ |
109 |
मैं इस काम के बदले तुमसे कोई बदला नहीं माँगता। मेरा बदला तो बस सारे संसार के रब के ज़िम्मे है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026109.mp3
|
وَمَا أَسْأَلُكُمْ عَلَيْهِ مِنْ أَجْرٍ إِنْ أَجْرِيَ إِلَّا عَلَى رَبِّ الْعَالَمِينَ |
110 |
अतः अल्लाह का डर रखो और मेरी आज्ञा का पालन करो।" |
/content/ayah/audio/hudhaify/026110.mp3
|
فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ |
111 |
उन्होंने कहा, "क्या हम तेरी बात मान लें, जबकि तेरे पीछे तो अत्यन्त नीच लोग चल रहे है?" |
/content/ayah/audio/hudhaify/026111.mp3
|
قَالُوا أَنُؤْمِنُ لَكَ وَاتَّبَعَكَ الْأَرْذَلُونَ |
112 |
उसने कहा, "मुझे क्या मालूम कि वे क्या करते रहे है? |
/content/ayah/audio/hudhaify/026112.mp3
|
قَالَ وَمَا عِلْمِي بِمَا كَانُوا يَعْمَلُونَ |
113 |
उनका हिसाब तो बस मेरे रब के ज़िम्मे है। क्या ही अच्छा होता कि तुममें चेतना होती। |
/content/ayah/audio/hudhaify/026113.mp3
|
إِنْ حِسَابُهُمْ إِلَّا عَلَى رَبِّي لَوْ تَشْعُرُونَ |
114 |
और मैं ईमानवालों को धुत्कारनेवाला नहीं हूँ। |
/content/ayah/audio/hudhaify/026114.mp3
|
وَمَا أَنَا بِطَارِدِ الْمُؤْمِنِينَ |
115 |
मैं तो बस स्पष्ट रूप से एक सावधान करनेवाला हूँ।" |
/content/ayah/audio/hudhaify/026115.mp3
|
إِنْ أَنَا إِلَّا نَذِيرٌ مُّبِينٌ |
116 |
उन्होंने कहा, "यदि तू बाज़ न आया ऐ नूह, तो तू संगसार होकर रहेगा।" |
/content/ayah/audio/hudhaify/026116.mp3
|
قَالُوا لَئِن لَّمْ تَنتَهِ يَا نُوحُ لَتَكُونَنَّ مِنَ الْمَرْجُومِينَ |
117 |
उसने कहा, "ऐ मेरे रब! मेरी क़ौम के लोगों ने तो मुझे झुठला दिया |
/content/ayah/audio/hudhaify/026117.mp3
|
قَالَ رَبِّ إِنَّ قَوْمِي كَذَّبُونِ |
118 |
अब मेरे और उनके बीच दो टूक फ़ैसला कर दे और मुझे और जो ईमानवाले मेरे साथ है, उन्हें बचा ले!" |
/content/ayah/audio/hudhaify/026118.mp3
|
فَافْتَحْ بَيْنِي وَبَيْنَهُمْ فَتْحًا وَنَجِّنِي وَمَن مَّعِي مِنَ الْمُؤْمِنِينَ |
119 |
अतः हमने उसे और जो उसके साथ भरी हुई नौका में थे बचा लिया |
/content/ayah/audio/hudhaify/026119.mp3
|
فَأَنجَيْنَاهُ وَمَن مَّعَهُ فِي الْفُلْكِ الْمَشْحُونِ |
120 |
और उसके पश्चात शेष लोगों को डूबो दिया |
/content/ayah/audio/hudhaify/026120.mp3
|
ثُمَّ أَغْرَقْنَا بَعْدُ الْبَاقِينَ |
121 |
निश्चय ही इसमें एक बड़ी निशानी है। इसपर भी उनमें से अधिकतर माननेवाले नहीं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026121.mp3
|
إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُم مُّؤْمِنِينَ |
122 |
और निस्संदेह तुम्हारा रब ही है जो बड़ा प्रभुत्वशाली, अत्यन्त दयावान है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026122.mp3
|
وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ |
123 |
आद ने रसूलों को झूठलाया |
/content/ayah/audio/hudhaify/026123.mp3
|
كَذَّبَتْ عَادٌ الْمُرْسَلِينَ |
124 |
जबकि उनके भाई हूद ने उनसे कहा, "क्या तुम डर नहीं रखते? |
/content/ayah/audio/hudhaify/026124.mp3
|
إِذْ قَالَ لَهُمْ أَخُوهُمْ هُودٌ أَلَا تَتَّقُونَ |
125 |
मैं तो तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ |
/content/ayah/audio/hudhaify/026125.mp3
|
إِنِّي لَكُمْ رَسُولٌ أَمِينٌ |
126 |
अतः तुम अल्लाह का डर रखो और मेरी आज्ञा मानो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026126.mp3
|
فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ |
127 |
मैं इस काम पर तुमसे कोई प्रतिदान नहीं माँगता। मेरा प्रतिदान तो बस सारे संसार के रब के ज़ि्म्मे है। |
/content/ayah/audio/hudhaify/026127.mp3
|
وَمَا أَسْأَلُكُمْ عَلَيْهِ مِنْ أَجْرٍ إِنْ أَجْرِيَ إِلَّا عَلَى رَبِّ الْعَالَمِينَ |
128 |
क्या तुम प्रत्येक उच्च स्थान पर व्यर्थ एक स्मारक का निर्माण करते रहोगे? |
/content/ayah/audio/hudhaify/026128.mp3
|
أَتَبْنُونَ بِكُلِّ رِيعٍ آيَةً تَعْبَثُونَ |
129 |
और भव्य महल बनाते रहोगे, मानो तुम्हें सदैव रहना है? |
/content/ayah/audio/hudhaify/026129.mp3
|
وَتَتَّخِذُونَ مَصَانِعَ لَعَلَّكُمْ تَخْلُدُونَ |
130 |
और जब किसी पर हाथ डालते हो तो बिलकुल निर्दय अत्याचारी बनकर हाथ डालते हो! |
/content/ayah/audio/hudhaify/026130.mp3
|
وَإِذَا بَطَشْتُم بَطَشْتُمْ جَبَّارِينَ |
131 |
अतः अल्लाह का डर रखो और मेरी आज्ञा का पालन करो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026131.mp3
|
فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ |
132 |
उसका डर रखो जिसने तुम्हें वे चीज़े पहुँचाई जिनको तुम जानते हो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026132.mp3
|
وَاتَّقُوا الَّذِي أَمَدَّكُم بِمَا تَعْلَمُونَ |
133 |
उसने तुम्हारी सहायता की चौपायों और बेटों से, |
/content/ayah/audio/hudhaify/026133.mp3
|
أَمَدَّكُم بِأَنْعَامٍ وَبَنِينَ |
134 |
और बाग़ो और स्रोतो से |
/content/ayah/audio/hudhaify/026134.mp3
|
وَجَنَّاتٍ وَعُيُونٍ |
135 |
निश्चय ही मुझे तुम्हारे बारे में एक बड़े दिन की यातना का भय है।" |
/content/ayah/audio/hudhaify/026135.mp3
|
إِنِّي أَخَافُ عَلَيْكُمْ عَذَابَ يَوْمٍ عَظِيمٍ |
136 |
उन्होंने कहा, "हमारे लिए बराबर है चाहे तुम नसीहत करो या नसीहत करने वाले न बनो। |
/content/ayah/audio/hudhaify/026136.mp3
|
قَالُوا سَوَاء عَلَيْنَا أَوَعَظْتَ أَمْ لَمْ تَكُن مِّنَ الْوَاعِظِينَ |
137 |
यह तो बस पहले लोगों की पुरानी आदत है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026137.mp3
|
إِنْ هَذَا إِلَّا خُلُقُ الْأَوَّلِينَ |
138 |
और हमें कदापि यातना न दी जाएगी।" |
/content/ayah/audio/hudhaify/026138.mp3
|
وَمَا نَحْنُ بِمُعَذَّبِينَ |
139 |
अन्ततः उन्होंने उन्हें झुठला दिया जो हमने उनको विनष्ट कर दिया। बेशक इसमें एक बड़ी निशानी है। इसपर भी उनमें से अधिकतर माननेवाले नहीं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026139.mp3
|
فَكَذَّبُوهُ فَأَهْلَكْنَاهُمْ إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُم مُّؤْمِنِينَ |
140 |
और बेशक तुम्हारा रब ही है, जो बड़ा प्रभुत्वशाली, अत्यन्त दयावान है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026140.mp3
|
وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ |
141 |
समूद ने रसूलों को झुठलाया, |
/content/ayah/audio/hudhaify/026141.mp3
|
كَذَّبَتْ ثَمُودُ الْمُرْسَلِينَ |
142 |
जबकि उसके भाई सालेह ने उससे कहा, "क्या तुम डर नहीं रखते? |
/content/ayah/audio/hudhaify/026142.mp3
|
إِذْ قَالَ لَهُمْ أَخُوهُمْ صَالِحٌ أَلَا تَتَّقُونَ |
143 |
निस्संदेह मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ |
/content/ayah/audio/hudhaify/026143.mp3
|
إِنِّي لَكُمْ رَسُولٌ أَمِينٌ |
144 |
अतः तुम अल्लाह का डर रखो और मेरी बात मानो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026144.mp3
|
فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ |
145 |
मैं इस काम पर तुमसे कोई बदला नहीं माँगता। मेरा बदला तो बस सारे संसार के रब के ज़िम्मे है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026145.mp3
|
وَمَا أَسْأَلُكُمْ عَلَيْهِ مِنْ أَجْرٍ إِنْ أَجْرِيَ إِلَّا عَلَى رَبِّ الْعَالَمِينَ |
146 |
क्या तुम यहाँ जो कुछ है उसके बीच, निश्चिन्त छोड़ दिए जाओगे, |
/content/ayah/audio/hudhaify/026146.mp3
|
أَتُتْرَكُونَ فِي مَا هَاهُنَا آمِنِينَ |
147 |
बाग़ों और स्रोतों |
/content/ayah/audio/hudhaify/026147.mp3
|
فِي جَنَّاتٍ وَعُيُونٍ |
148 |
और खेतों और उन खजूरों में जिनके गुच्छे तरो ताज़ा और गुँथे हुए है? |
/content/ayah/audio/hudhaify/026148.mp3
|
وَزُرُوعٍ وَنَخْلٍ طَلْعُهَا هَضِيمٌ |
149 |
तुम पहाड़ों को काट-काटकर इतराते हुए घर बनाते हो? |
/content/ayah/audio/hudhaify/026149.mp3
|
وَتَنْحِتُونَ مِنَ الْجِبَالِ بُيُوتًا فَارِهِينَ |
150 |
अतः अल्लाह का डर रखो और मेरी आज्ञा का पालन करो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026150.mp3
|
فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ |
151 |
और उन हद से गुज़र जानेवालों की आज्ञा का पालन न करो, |
/content/ayah/audio/hudhaify/026151.mp3
|
وَلَا تُطِيعُوا أَمْرَ الْمُسْرِفِينَ |
152 |
जो धरती में बिगाड़ पैदा करते है, और सुधार का काम नहीं करते।" |
/content/ayah/audio/hudhaify/026152.mp3
|
الَّذِينَ يُفْسِدُونَ فِي الْأَرْضِ وَلَا يُصْلِحُونَ |
153 |
उन्होंने कहा, "तू तो बस जादू का मारा हुआ है। |
/content/ayah/audio/hudhaify/026153.mp3
|
قَالُوا إِنَّمَا أَنتَ مِنَ الْمُسَحَّرِينَ |
154 |
तू बस हमारे ही जैसा एक आदमी है। यदि तू सच्चा है, तो कोई निशानी ले आ।" |
/content/ayah/audio/hudhaify/026154.mp3
|
مَا أَنتَ إِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُنَا فَأْتِ بِآيَةٍ إِن كُنتَ مِنَ الصَّادِقِينَ |
155 |
उसने कहा, "यह ऊँटनी है। एक दिन पानी पीने की बारी इसकी है और एक नियत दिन की बारी पानी लेने की तुम्हारी है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026155.mp3
|
قَالَ هَذِهِ نَاقَةٌ لَّهَا شِرْبٌ وَلَكُمْ شِرْبُ يَوْمٍ مَّعْلُومٍ |
156 |
तकलीफ़ पहुँचाने के लिए इसे हाथ न लगाना, अन्यथा एक बड़े दिन की यातना तुम्हें आ लेगी।" |
/content/ayah/audio/hudhaify/026156.mp3
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وَلَا تَمَسُّوهَا بِسُوءٍ فَيَأْخُذَكُمْ عَذَابُ يَوْمٍ عَظِيمٍ |
157 |
किन्तु उन्होंने उसकी कूचें काट दी। फिर पछताते रह गए |
/content/ayah/audio/hudhaify/026157.mp3
|
فَعَقَرُوهَا فَأَصْبَحُوا نَادِمِينَ |
158 |
अन्ततः यातना ने उन्हें आ दबोचा। निश्चय ही इसमें एक बड़ी निशानी है। इसपर भी उनमें से अधिकतर माननेवाले नहीं |
/content/ayah/audio/hudhaify/026158.mp3
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فَأَخَذَهُمُ الْعَذَابُ إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُم مُّؤْمِنِينَ |
159 |
और निस्संदेह तुम्हारा रब ही है जो बड़ा प्रभुत्वशाली, अत्यन्त दयाशील है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026159.mp3
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وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ |
160 |
लूत की क़ौम के लोगों ने रसूलों को झुठलाया; |
/content/ayah/audio/hudhaify/026160.mp3
|
كَذَّبَتْ قَوْمُ لُوطٍ الْمُرْسَلِينَ |
161 |
जबकि उनके भाई लूत ने उनसे कहा, "क्या तुम डर नहीं रखते? |
/content/ayah/audio/hudhaify/026161.mp3
|
إِذْ قَالَ لَهُمْ أَخُوهُمْ لُوطٌ أَلَا تَتَّقُونَ |
162 |
मैं तो तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ |
/content/ayah/audio/hudhaify/026162.mp3
|
إِنِّي لَكُمْ رَسُولٌ أَمِينٌ |
163 |
अतः अल्लाह का डर रखो और मेरी आज्ञा का पालन करो |
/content/ayah/audio/hudhaify/026163.mp3
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فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ |
164 |
मैं इस काम पर तुमसे कोई प्रतिदान नहीं माँगता, मेरा प्रतिदान तो बस सारे संसार के रब के ज़िम्मे है |
/content/ayah/audio/hudhaify/026164.mp3
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وَمَا أَسْأَلُكُمْ عَلَيْهِ مِنْ أَجْرٍ إِنْ أَجْرِيَ إِلَّا عَلَى رَبِّ الْعَالَمِينَ |
165 |
क्या सारे संसारवालों में से तुम ही ऐसे हो जो पुरुषों के पास जाते हो, |
/content/ayah/audio/hudhaify/026165.mp3
|
أَتَأْتُونَ الذُّكْرَانَ مِنَ الْعَالَمِينَ |
166 |
और अपनी पत्नियों को, जिन्हें तुम्हारे रब ने तुम्हारे लिए पैदा किया, छोड़ देते हो? इतना ही नहीं, बल्कि तुम हद से आगे बढ़े हुए लोग हो।" |
/content/ayah/audio/hudhaify/026166.mp3
|
وَتَذَرُونَ مَا خَلَقَ لَكُمْ رَبُّكُمْ مِنْ أَزْوَاجِكُم بَلْ أَنتُمْ قَوْمٌ عَادُونَ |
167 |
उन्होंने कहा, "यदि तू बाज़ न आया, ऐ लतू! तो तू अवश्य ही निकाल बाहर किया जाएगा।" |
/content/ayah/audio/hudhaify/026167.mp3
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قَالُوا لَئِن لَّمْ تَنتَهِ يَا لُوطُ لَتَكُونَنَّ مِنَ الْمُخْرَجِينَ |
168 |
उसने कहा, "मैं तुम्हारे कर्म से अत्यन्त विरक्त हूँ। |
/content/ayah/audio/hudhaify/026168.mp3
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قَالَ إِنِّي لِعَمَلِكُم مِّنَ الْقَالِينَ |
169 |
ऐ मेरे रब! मुझे और मेरे लोगों को, जो कुछ ये करते है उसके परिणाम से, बचा ले।" |
/content/ayah/audio/hudhaify/026169.mp3
|
رَبِّ نَجِّنِي وَأَهْلِي مِمَّا يَعْمَلُونَ |
170 |
अन्ततः हमने उसे और उसके सारे लोगों को बचा लिया; |
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فَنَجَّيْنَاهُ وَأَهْلَهُ أَجْمَعِينَ |
171 |
सिवाय एक बुढ़िया के जो पीछे रह जानेवालों में थी |
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إِلَّا عَجُوزًا فِي الْغَابِرِينَ |
172 |
फिर शेष दूसरे लोगों को हमने विनष्ट कर दिया। |
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ثُمَّ دَمَّرْنَا الْآخَرِينَ |
173 |
और हमने उनपर एक बरसात बरसाई। और यह चेताए हुए लोगों की बहुत ही बुरी वर्षा थी |
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وَأَمْطَرْنَا عَلَيْهِم مَّطَرًا فَسَاء مَطَرُ الْمُنذَرِينَ |
174 |
निश्चय ही इसमें एक बड़ी निशानी है। इसपर भी उनमें से अधिकतर माननेवाले नहीं |
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إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُم مُّؤْمِنِينَ |
175 |
और निश्चय ही तुम्हारा रब बड़ा प्रभुत्वशाली, अत्यन्त दयावान है |
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وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ |
176 |
अल-ऐकावालों ने रसूलों को झुठलाया |
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كَذَّبَ أَصْحَابُ الْأَيْكَةِ الْمُرْسَلِينَ |
177 |
जबकि शुऐब ने उनसे कहा, "क्या तुम डर नहीं रखते? |
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إِذْ قَالَ لَهُمْ شُعَيْبٌ أَلَا تَتَّقُونَ |
178 |
मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ |
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إِنِّي لَكُمْ رَسُولٌ أَمِينٌ |
179 |
अतः अल्लाह का डर रखो और मेरी आज्ञा का पालन करो |
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فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ |
180 |
मैं इस काम पर तुमसे कोई प्रतिदान नहीं माँगता। मेरा प्रतिदान तो बस सारे संसार के रब के ज़िम्मे है |
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وَمَا أَسْأَلُكُمْ عَلَيْهِ مِنْ أَجْرٍ إِنْ أَجْرِيَ إِلَّا عَلَى رَبِّ الْعَالَمِينَ |
181 |
तुम पूरा-पूरा पैमाना भरो और घाटा न दो |
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أَوْفُوا الْكَيْلَ وَلَا تَكُونُوا مِنَ الْمُخْسِرِينَ |
182 |
और ठीक तराज़ू से तौलो |
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وَزِنُوا بِالْقِسْطَاسِ الْمُسْتَقِيمِ |
183 |
और लोगों को उनकी चीज़ों में घाटा न दो और धरती में बिगाड़ और फ़साद मचाते मत फिरो |
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وَلَا تَبْخَسُوا النَّاسَ أَشْيَاءهُمْ وَلَا تَعْثَوْا فِي الْأَرْضِ مُفْسِدِينَ |
184 |
उसका डर रखो जिसने तुम्हें और पिछली नस्लों को पैदा किया हैं।" |
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وَاتَّقُوا الَّذِي خَلَقَكُمْ وَالْجِبِلَّةَ الْأَوَّلِينَ |
185 |
उन्होंने कहा, "तू तो बस जादू का मारा हुआ है |
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قَالُوا إِنَّمَا أَنتَ مِنَ الْمُسَحَّرِينَ |
186 |
और तू बस हमारे ही जैसा एक आदमी है और हम तो तुझे झूठा समझते है |
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وَمَا أَنتَ إِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُنَا وَإِن نَّظُنُّكَ لَمِنَ الْكَاذِبِينَ |
187 |
फिर तू हमपर आकाश को कोई टुकड़ा गिरा दे, यदि तू सच्चा है।" |
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فَأَسْقِطْ عَلَيْنَا كِسَفًا مِّنَ السَّمَاء إِن كُنتَ مِنَ الصَّادِقِينَ |
188 |
उसने कहा, " मेरा रब भली-भाँति जानता है जो कुछ तुम कर रहे हो।" |
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قَالَ رَبِّي أَعْلَمُ بِمَا تَعْمَلُونَ |
189 |
किन्तु उन्होंने उसे झुठला दिया। फिर छायावाले दिन की यातना ने आ लिया। निश्चय ही वह एक बड़े दिन की यातना थी |
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فَكَذَّبُوهُ فَأَخَذَهُمْ عَذَابُ يَوْمِ الظُّلَّةِ إِنَّهُ كَانَ عَذَابَ يَوْمٍ عَظِيمٍ |
190 |
निस्संदेह इसमें एक बड़ी निशानी है। इसपर भी उनमें से अधिकतर माननेवाले नहीं |
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إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُم مُّؤْمِنِينَ |
191 |
और निश्चय ही तुम्हारा रब ही है, जो बड़ा प्रभुत्वशाली, अत्यन्त दयावान है |
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وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ |
192 |
निश्चय ही यह (क़ुरआन) सारे संसार के रब की अवतरित की हुई चीज़ है |
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وَإِنَّهُ لَتَنزِيلُ رَبِّ الْعَالَمِينَ |
193 |
इसको लेकर तुम्हारे हृदय पर एक विश्वसनीय आत्मा उतरी है, |
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نَزَلَ بِهِ الرُّوحُ الْأَمِينُ |
194 |
ताकि तुम सावधान करनेवाले हो |
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عَلَى قَلْبِكَ لِتَكُونَ مِنَ الْمُنذِرِينَ |
195 |
स्पष्ट अरबी भाषा में |
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بِلِسَانٍ عَرَبِيٍّ مُّبِينٍ |
196 |
और निस्संदेह यह पिछले लोगों की किताबों में भी मौजूद है |
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وَإِنَّهُ لَفِي زُبُرِ الْأَوَّلِينَ |
197 |
क्या यह उनके लिए कोई निशानी नहीं है कि इसे बनी इसराईल के विद्वान जानते है? |
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أَوَلَمْ يَكُن لَّهُمْ آيَةً أَن يَعْلَمَهُ عُلَمَاء بَنِي إِسْرَائِيلَ |
198 |
यदि हम इसे ग़ैर अरबी भाषी पर भी उतारते, |
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وَلَوْ نَزَّلْنَاهُ عَلَى بَعْضِ الْأَعْجَمِينَ |
199 |
और वह इसे उन्हें पढ़कर सुनाता तब भी वे इसे माननेवाले न होते |
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فَقَرَأَهُ عَلَيْهِم مَّا كَانُوا بِهِ مُؤْمِنِينَ |
200 |
इसी प्रकार हमने इसे अपराधियों के दिलों में पैठाया है |
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كَذَلِكَ سَلَكْنَاهُ فِي قُلُوبِ الْمُجْرِمِينَ |
201 |
वे इसपर ईमान लाने को नहीं, जब तक कि दुखद यातना न देख लें |
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لَا يُؤْمِنُونَ بِهِ حَتَّى يَرَوُا الْعَذَابَ الْأَلِيمَ |
202 |
फिर जब वह अचानक उनपर आ जाएगी और उन्हें ख़बर भी न होगी, |
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فَيَأْتِيَهُم بَغْتَةً وَهُمْ لَا يَشْعُرُونَ |
203 |
तब वे कहेंगे, "क्या हमें कुछ मुहलत मिल सकती है?" |
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فَيَقُولُوا هَلْ نَحْنُ مُنظَرُونَ |
204 |
तो क्या वे लोग हमारी यातना के लिए जल्दी मचा रहे है? |
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أَفَبِعَذَابِنَا يَسْتَعْجِلُونَ |
205 |
क्या तुमने कुछ विचार किया? यदि हम उन्हें कुछ वर्षों तक सुख भोगने दें; |
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أَفَرَأَيْتَ إِن مَّتَّعْنَاهُمْ سِنِينَ |
206 |
फिर उनपर वह चीज़ आ जाए, जिससे उन्हें डराया जाता रहा है; |
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ثُمَّ جَاءهُم مَّا كَانُوا يُوعَدُونَ |
207 |
तो जो सुख उन्हें मिला होगा वह उनके कुछ काम न आएगा |
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مَا أَغْنَى عَنْهُم مَّا كَانُوا يُمَتَّعُونَ |
208 |
हमने किसी बस्ती को भी इसके बिना विनष्ट नहीं किया कि उसके लिए सचेत करनेवाले याददिहानी के लिए मौजूद रहे हैं। |
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وَمَا أَهْلَكْنَا مِن قَرْيَةٍ إِلَّا لَهَا مُنذِرُونَ |
209 |
हम कोई ज़ालिम नहीं है |
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ذِكْرَى وَمَا كُنَّا ظَالِمِينَ |
210 |
इसे शैतान लेकर नहीं उतरे हैं। |
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وَمَا تَنَزَّلَتْ بِهِ الشَّيَاطِينُ |
211 |
न यह उन्हें फबता ही है और न ये उनके बस का ही है |
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وَمَا يَنبَغِي لَهُمْ وَمَا يَسْتَطِيعُونَ |
212 |
वे तो इसके सुनने से भी दूर रखे गए है |
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إِنَّهُمْ عَنِ السَّمْعِ لَمَعْزُولُونَ |
213 |
अतः अल्लाह के साथ दूसरे इष्ट-पूज्य को न पुकारना, अन्यथा तुम्हें भी यातना दी जाएगी |
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فَلَا تَدْعُ مَعَ اللَّهِ إِلَهًا آخَرَ فَتَكُونَ مِنَ الْمُعَذَّبِينَ |
214 |
और अपने निकटतम नातेदारों को सचेत करो |
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وَأَنذِرْ عَشِيرَتَكَ الْأَقْرَبِينَ |
215 |
और जो ईमानवाले तुम्हारे अनुयायी हो गए है, उनके लिए अपनी भुजाएँ बिछाए रखो |
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وَاخْفِضْ جَنَاحَكَ لِمَنِ اتَّبَعَكَ مِنَ الْمُؤْمِنِينَ |
216 |
किन्तु यदि वे तुम्हारी अवज्ञा करें तो कह दो, "जो कुछ तुम करते हो, उसकी ज़िम्मेदारी से मं1 बरी हूँ।" |
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فَإِنْ عَصَوْكَ فَقُلْ إِنِّي بَرِيءٌ مِّمَّا تَعْمَلُونَ |
217 |
और उस प्रभुत्वशाली और दया करनेवाले पर भरोसा रखो |
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وَتَوَكَّلْ عَلَى الْعَزِيزِ الرَّحِيمِ |
218 |
जो तुम्हें देख रहा होता है, जब तुम खड़े होते हो |
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الَّذِي يَرَاكَ حِينَ تَقُومُ |
219 |
और सजदा करनेवालों में तुम्हारे चलत-फिरत को भी वह देखता है |
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وَتَقَلُّبَكَ فِي السَّاجِدِينَ |
220 |
निस्संदेह वह भली-भाँति सुनता-जानता है |
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إِنَّهُ هُوَ السَّمِيعُ الْعَلِيمُ |
221 |
क्या मैं तुम्हें बताऊँ कि शैतान किसपर उतरते है? |
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هَلْ أُنَبِّئُكُمْ عَلَى مَن تَنَزَّلُ الشَّيَاطِينُ |
222 |
वे प्रत्येक ढोंग रचनेवाले गुनाहगार पर उतरते है |
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تَنَزَّلُ عَلَى كُلِّ أَفَّاكٍ أَثِيمٍ |
223 |
वे कान लगाते है और उनमें से अधिकतर झूठे होते है |
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يُلْقُونَ السَّمْعَ وَأَكْثَرُهُمْ كَاذِبُونَ |
224 |
रहे कवि, तो उनके पीछे बहके हुए लोग ही चला करते है।- |
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وَالشُّعَرَاء يَتَّبِعُهُمُ الْغَاوُونَ |
225 |
क्या तुमने देखा नहीं कि वे हर घाटी में बहके फिरते हैं, |
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أَلَمْ تَرَ أَنَّهُمْ فِي كُلِّ وَادٍ يَهِيمُونَ |
226 |
और कहते वह है जो करते नहीं? - |
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وَأَنَّهُمْ يَقُولُونَ مَا لَا يَفْعَلُونَ |
227 |
वे नहीं जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए और अल्लाह को अधिक .याद किया। औऱ इसके बाद कि उनपर ज़ुल्म किया गया तो उन्होंने उसका प्रतिकार किया और जिन लोगों ने ज़ुल्म किया, उन्हें जल्द ही मालूम हो जाएगा कि वे किस जगह पलटते हैं |
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إِلَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ وَذَكَرُوا اللَّهَ كَثِيراً وَانتَصَرُوا مِن بَعْدِ مَا ظُلِمُوا وَسَيَعْلَمُ الَّذِينَ ظَلَمُوا أَيَّ مُنقَلَبٍ يَنقَلِبُونَ |